सीमा पर सीज फायर…भारत में सियासी फायर जारी…जानें क्यों रखी विपक्ष ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग…पहलगाम से सीजफायर तक विपक्ष चर्चा के लिए अड़ा!
पाकिस्तान से लगी सीमा पर भले ही सीज फायर हो गया हो लेकिन सीजफायर के बाद भारत में सियासी फायर जारी है।। दरअसल पहलगाम में हुए आतंकी हमले से लेकर सीजफायर तक पूरे घटनाक्रम को लेकर चर्चा के लिए विपक्षी दलों की ओर से सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि हम तो पहले से ही मांग कर रहे हैं। संसद का विशेष सत्र मोदी सरकार बुलाए। जहां सभी दल और लोग चर्चा करेंगे क्या स्थिति है। इसके साथ ही आगे क्या कर रहे हैं। वहीं राहुल गांधी ने भी इससे पहले संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की और पीएम नरेन्द्र मोदी को एक पत्र भी लिखा था।
मोदी सरकार से की विपक्ष ने विशेष सत्र बुलाने की मांग
राहुल गांधी ने लिखा केन्द्र सरकार को पत्र
दिग्विजय सिंह ने याद दिलाया 1962 का युद्ध
1962 में नेहरु ने बुलाया था विशेष सत्र
अटल जी की अपील पर बुलाया था विशेष सत्र
बता दें शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के बाद विपक्ष की ओर संसद का स्पेशल सेशन बुलाए जाने की मांग की जा रही है। विपक्षी दलों में मुख्यत:कांग्रेस यह चाहती है कि इस विशेष सत्र में पीएम मोदी भी मौजूद रहें। इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी केन्द्र सरकार को भारत और चीन के बीच हुए 1962 में हुए युद्ध के दौरान तत्कालीन पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू के बुलाए स्पेशल सेशन की याद दिलाई है। दिग्विजय सिंह की ओर से कहा गया है कि तब पंडित नेहरू ने संसद का विशेष सत्र दरअसल अटल बिहारी वाजपेयी के अनुरोध पर बुलाया था। जिसमें उन्होंने पूछा कि क्या भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार कर लिया है?
वहीं अब पीएम मोदी की इस मामले में चुप्पी पर सवाल उठाते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा मोदी सर्वदलीय बैठकों में भाग लें। केन्द्र सरकार संसद का विशेष सत्र भी बुलाए। विपक्ष ताजा घटनाक्रम पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के साथ ही पाकिस्तान की ओर से सीमा पार से सैन्य टकराव के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को लेकर भी विशेष सत्र में चर्चा चाहता है। बता दें भारत और पाकिस्तान के मध्य बढ़ते सैन्य टकराव के बीच पिछले दिनों शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से घोषित युद्धविराम का उल्लेख करते हुए एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यह भारत का एक घोषित रुख है। वह कभी भी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप सीमा पार मुद्दों पर को स्वीकार नहीं किया जायेगा। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयानों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया।
दिग्विजय सिंह ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप कब और क्या कहेंगे। इसकी कोई गारंटी नहीं है। लेकिन भारत के प्रधानमंत्री की चुप्पी ने विपक्ष को नाराज कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी को सर्वदलीय बैठकों में भाग लेना चाहिए, लेकिन वे बैठकों में हिस्सा नहीं लेते हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि साल 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध के दौरान तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू ने अटल बिहारी वाजपेयी के आग्रह पर संसद का सत्र बुलाया था।
प्रकाश कुमार पांडेय