बिम्सटेक की बैठक में भारत ने दिखाया दमखम, कहा चुनौतियों से निपटना है तो समन्वय के साथ करना होगा काम

भोजन, स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा को बताया आम चिंताएं

बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) से जुड़े देशों के विदेश मंत्रियों की सोमवार को बैंकॉक में एक अहम बैठक हुई। जिसमें मौजूदा चुनौतियों और उनसे एकजुटता से निपटने और समन्वय को बढ़ाने को लेकर समूह के विदेश मंत्रियों के बीच विस्तार से चर्चा की गई। सहयोग के नए क्षेत्रों में प्रवेश से जुड़े हुए तमाम पहलुओं को तलाशा। सभी ने अपना साझा उद्देश्य विकास और समृद्धि को बढ़ावा देना बताया और इन विचारों को आगे बढ़ाने के लिए एक से अधिक बार मिलने पर सहमति जताई है। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी है। यहां बता दें कि बिम्सटेक समूह में बांग्लादेश, भारत, भूटान, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र की सीमा से लगे देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है।

लचीलेपन, सहयोग बढ़ाने पर दिया जोर

जयशंकर ने बताया कि बैठक में बिम्सटेक सदस्यों के बीच लचीलेपन और समन्वय को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। जो उन चुनौतियों का दर्शाता है जिनका आज हम सभी सामना कर रहे हैं। चर्चा के दौरान सहयोग के नए क्षेत्रों में प्रवेश के लिए नए पहलुओं और गतिविधियों की खोज की। साथ ही समूह के विदेश मंत्रियों ने माना कि भोजन,स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा आम चिंताएं हैं। प्रौद्योगिकी समाधान सहयोग और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान दोनों के अधीन हो सकते हैं। लेकिन हमारा साझा उद्देश्य विकास और समृद्धि को बढ़ावा देना है।

बांग्लादेश, नेपाल के समकक्षों से की मुलाकात

विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने बिम्सटेक की बैठक से इतर नेपाल और बांग्लादेश के अपने समकक्ष और विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। अपने ट्वीट के जरिए इन मुलाकातों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि नेपाल के विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सउद से अच्छी मुलाकात हुई। जिसमें हमारे नेतृत्व द्वारा निर्धारित सहयोग के एजेंडे को लागू करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जाहिर की गई है। मैं उनसे संपर्क में बने रहने के लिए उत्सुक हूं। इसके अलावा बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमेन से मिलकर खुशी हुई। बैठक के दौरान द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया।

राजनीति की दुनिया में हुआ प्रवेश

इससे पहले विदेश मंत्री ने भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए अपने राजनयिक से राजनेता बनने के बारे में बताया। जयशंकर ने पीएम की तारीफ करते हुए कहा कि उनमें एक खास बात ये है कि वह कई चीजों की नब्ज पकड़ लेते हैं और फिर उसे नीतियों और कार्यक्रमों में बदल देते हैं। अपने राजनयिक से राजनेता बनने के सफर के बारे में बताते हुए जयशंकर ने कहा कि एक राजनयिक के रूप में मैंने हमेशा राजनेताओं के साथ काम किया है। लेकिन बिना किसी वीकली ऑफ के 24 घंटे की राजनीति की दुनिया में प्रवेश करने का एक अलग अनुभव है।

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