फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस को ऑपरेशन लोटस का खौफ, पटना से विधायकों को किया हैदराबाद शिफ्ट

बिहार में NDA गठबंधन की नीतीश कुमार सरकार 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट से गुजरेगी। ऐसे में राजधानी पटना में सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने अपने 16 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है। बिहार के 19 विधायकों में से तीन हैं जो पटना में रहकर मोर्चा संभाले हुए हैं। इनमें सिद्धार्थ , आबिदुर रहमान और विजय शंकर दुबे शामिल हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से यह तीनों हैदराबाद नहीं गए।

दरअसल बिहार में कांग्रेस को अपने विधायकों के टूटने का भय है। इसी वजह से बिहार के कांग्रेस विधायकों को एक साथ रहने को कहा जा रहा है। कांग्रेस चाहती है कि किसी भी तरह की टूट फ्लोर टेस्ट से पहले उनकी पार्टी में ना हो। दरअसल बिहार विधानसभा की 243 सीटों में आरजेडी के पास 79 विधायक हैं। वही कांग्रेस के 19, सीपीआई एमएल के पास 12 और सीपीआई के पास 2 विधायक है। इसी तरह सीपीआई एम के पास 2 और एआईएमआईएम के पास एक सीट है। एनडीए गठबंधन की बात करें तो उसके पास बिहार में इस समय बहुमत है। बीजेपी के पास 78 विधायक, जेडीयू के पास 45 विधायक, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के पास 4 और 1 निर्दलीय विधायक है। ऐसे में सीएम नीतीश कुमार को बहुमत साबित करने में कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस अपने विधायकों को टूटने से बचाने की कोशिशों में जुटी है।

दरअसल पिछले दिनों 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने आरजेडी का साथ छोड़ दिया था और बीजेपी के साथ गठबंधन करके बिहार में एनडीए की सरकार बना ली थी। नीतीश ने 28 जनवरी की शाम 5 बजे 8 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बिहार की इस नई सरकार में विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम बनाया गया है। इस सरकार को 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। बता दें पिछले दिनों कांग्रेस आलाकमान ने अपने बिहार के विधायकों को दिल्ली बुलाया था। जहां से रविवार को विशेष विमान से हैदराबाद भेजे जाने से पहले उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से चर्चा की। बजट सत्र के दौरान नीतीश कुमार सरकार को बहुमत साबित करना है। ऐसे में 12 फरवरी को कांग्रेस विधायकों के पटना लौटने की उम्मीद है। इस संबंध में भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि उन्हें और पार्टी के अन्य विधायकों को हैदराबाद स्थानांतरित कर दिया गया है। दरअसल 28 जनवरी को एनडीए सरकार बनने के बाद आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव ने भी कांग्रेस नेतृत्व से अपने विधायकों पर नजर रखने को कहा था। हालांकि इसके अगले दिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा राज्य के किशनगंज पहुंचने वाली थी। ऐसे में वे रुके रहे।

Exit mobile version