दिल्ली के बाद अब नजर बिहार पर…राहुल गांधी ने बनाई कांग्रेस के लिए यह नई रणनीति…जानें कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब पूरे देश की नजर बिहार पर टिक गई है। यहां साल 2025 के अंत में विधानसभा की 243 सीटों पर चुनाव होना हैं, जिन पर नजरें टिकी है। चुनाव की सुगबुगाहट के बीच चुनावी की रणभूमि सजने लगी है।
- नवंबर दिसंबर में होना है बिहार विस चुनाव
- विधानसभा की सभी 243 सीटों पर होंगे चुनाव
- कांग्रेस ने बनाई जीतने वाली सीटों पर रणनीति
- घटक दलों से जीतने वाली सीट ही मांगेगी कांग्रेस
- संख्या के बजाय जीतने की संभावना वाली सीट पर नजर
- 2020 के चुनाव में 19 सीट ही जीती थी कांग्रेस
पांच साल बाद एक बार फिर बिहार में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने वाली है। एक ओर महागठबंधन कमर कस कर तैयार है तो वहीं दूसरी तरफ NDA ने बिहार में फिर से सत्ता पाने के लिए किलेबंदी अभी से शुरू कर दी है। दोनों ही खेमों में महत्वाकांक्षा पाले बैठे नेताओं के पाला बदलने की भी रस्म निभाई जाने लगी है। आरजेडी अगर NDA के कुछ महत्वाकांक्षी नेताओं को अपने दल में शामिल करा चुकी है तो JDU-BJP की ओर से भी राजद के पाला बदलने वाले नेताओं को अपने साथ ले लिया है।
इस बीच देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरु कर दी है। बिहार विधानसभा के चुनाव के लिए कांग्रेस अपनी रणनीति बदल रही है। लालू यादव के नेतृत्व वाला दल राष्ट्रीय जनता दल आरजेडी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां बिहार में गठबंधन में चुनाव लड़ता आ रहा है। इसके साथ ही एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के साथ भी यह दोनों पार्टियां चुनाव लड़ चुकी है।
1990 के दशक के बाद बिहार में कांग्रेस हुई कमजोर
बता दें 1990 के दशक के बाद बिहार में कांग्रेस का अस्तित्व कमजोर हुआ है। बिहार में कांग्रेस अब तक हआरजेडी के भरोसे ही चुनाव लड़ती रही है। कांग्रेस ने पिछले दिनों बिहार में हाल के दिनों में अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव किया है। जिसकी झलक दिल्ली के विधानसभा चुनाव में देखने को मिली है।
इसी साल होने वाले बिहार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ेगी लेकिन घटक दलों के बीच सीट बंटवारे में कांग्रेस ने इस बार अधिक सीट पर चुनाव लड़ने की जिद्द के बजाय जिन सीटों पर कांग्रेस की जीत की संभावना है ऐसी सीट हासिल करने की कोशिश करेगी।
पांच दर्जन सीटों पर कांग्रेस उतार सकती है उम्मीदवार
बता दें विधानसभा के चुनाव की तैयारियों और सीट बंटवारे पर आरजेडी और दूसरे घटक दलों के साथ बातचीत से पहले कांग्रेस की ओर से सर्वे कराया गया है। इस सर्वे के अनुसार कांग्रेस को सीट की संख्या के बजाय जीतने की संभावना वाली सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए है। राज्य की करीब पांच दर्जन सीट पर कांग्रेस के पास संगठन और बेहतर उम्मीदवार मौजूद हैं। बताया जाता है कि पार्टी गठबंधन के सहयोगियों के साथ विध्ण्धानसभा की कुछ सीट की अदला-बदली भी करेगी। पार्टी ने साल 2020 के चुनाव में 70 सीट पर चुनाव लड़ा था। लेकिन इनमें ज्यादातर सीट केवल गिनती बढ़ाने के लिए थी। ऐसे में कांग्रेस नेताओं का कहना है कि गठबंधन के घटकदलों के साथ सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। हालांकि इतना साफ है कि कांग्रेस इस बार विधानसभा की सीट की संख्या बढ़ाने के बजाय जीतने वाली सीटों पर ज्यादा ध्यान देगी। बता दें साल 2020 के चुनाव में कांग्रेस 243 सीटों में से केवल 19 सीट जीत सकी थी। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस को गठबंधन में पसंदीदा सीट मिलती है, तो वह कम सीट पर भी चुनाव लड़ सकती है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)