बाबरी मस्जिद विध्वंस के 30 साल,कड़वाहट भूल विकास के पथ पर बढ़ती अयोध्या

Ayodhya on the path of progress forgetting the bitterness of destruction

अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुए लगभग तीन दशक हो चुके है। तीन दशक बादअब पावन तीर्थ नगरी और प्रभु श्रीराम की जन्म भूमि अयोध्या में लोग कड़वाहट भूलकर आगे बढ़ रहे हैं। विकास के काम तेजी से हो रहें। पहले जहां डर और संशय हुआ करता था आज वहां खुशनुमा माहौल है। मंगलवार को ढांचा ध्‍वंस की 30वीं बरसी पर सबकुछ सामान्य दिन की तरह नजर आ रहा है।

अब दिखाई नहीं देती पुलिस छावनी और बख्तरबंद किले

बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर अयोध्या में पुलिस छावनी और बख्तरबंद किले अब दिर्खाइ नहीं देते। हालांकि जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बाबरी ध्‍वंस बरसी पर सुरक्षा की व्यवस्था की है। अयोध्या के माहौल में बदलाव का आलम यह है कि विश्व हिंदू परिषद की ओर से छह दिसंबर को न तो शौर्य दिवस मना रहा है और न ही मुस्लिम पक्ष इस बार इसे काला दिवस के रूप में मनाता नजर आ रहा है।

तेज गति से मंदिर निर्माण का काम

चिंता मंदिर और मस्जिद को विकसित करने की

बता दें सुप्रीम कोर्ट के 2019 में फैसले के साथ राम जन्मभूमि विवाद समाप्त हो गया है। दोनों समुदायों के लोग शांतिपूर्ण माहौल के लिए आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं। मस्जिद विध्वंस की सालगिरह को चिह्नित करने के लिए मंगलवार को कोई आयोजन नहीं किया गया। अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी का कहना है कि अयोध्या में स्थिति शांतिपूर्ण है और हमने नियमित व्यवस्था की है। ऐसा लगता है कि दोनों पक्ष कोर्ट के फैसले द्वारा उन्हें प्रदान की गई भूमि पर अपने संबंधित नए ढांचे यानी मंदिर और मस्जिद को विकसित करने के बारे में अधिक चिंतित हैं।

वहीं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव चंपत राय पहले ही कह चुके हैं कि भक्त जनवरी 2024 से नए मंदिर में पूजा अर्चना कर सकेंगे। राय को विशाल राम मंदिर के निर्माण का काम सौंपा गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में अगस्त 2020 में राम मंदिर निर्माण के लिए में आधारशिला रखी थी। तब से तेज गति से मंदिर निर्माण का काम किया जा रहा है। उधर इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन का कहना है कि अयोध्या मस्जिद जल्द तैयार हो जाएगी। शीर्ष अदालत के आदेश द्वारा प्रदान की गई पांच एकड़ भूमि पर नई मस्जिद बनाने के काम की जिम्मेदारी अतहर हुसैन संभाल रहे हैं।

शौर्य दिवस पूरी तरह से रद्द

विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा की माने तो उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। इसके बाद 6 दिसंबर को आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रम धीरे धीरे शांत हो गए। उन्होंने कहा जहां तक छह दिसंबर को मनाए जाने वाले शौर्य दिवस की बात है तो उसको पूरी तरह से रद्द कर दिया गया। उनका कहना है मुख्य संकल्प पूरा हो गया और उसके बाद हम चाहते कि एक शांतिपूर्ण वातावरण हो। इसलिए सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि ऐसा कोई भी आयोजन न किया जाए। जिससे किसी प्रकार का तनाव उत्पन्न हो या किसी को ठेस पहुंचे।

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