शनि को ज्योतिष शास्त्र में न्याय का देवता कहा जाता है। जिस जातक के जैसे कर्म होते हैं। शनि देव उसे उसके अनुसार फल देते हैं। उसके साथ न्याय करते हैं फिर चाहे बात अच्छे कर्मों की हो या बुरे। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा भी माना जाता है कि जिस व्यक्ति का शनि कमजोर होता है। उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। और जिसका शनि मजबूत होता है उसे यश कीर्ति और वैभव मिलता है। इस साल 2024 में शनिदेव 3 बार अपनी चाल बदलने वाले हैं। इस बदलाव का कई राशि के जातकों पर अच्छा और बुरा दोनों असर पड़ेगा। आइए जानते हैं ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार से शनिदेव की चाल बदलने से कौन कौन सी राशि के जातकों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
- शनि देव 11 फरवरी के दिन अस्त होंगे
- मार्च की 18 तारीख को शनि का उदय होगा
- 29 जून से शनि देव वक्री अवस्था में होंगे
- शनिदेव को कहा जाता है न्याय का देवता
- जिसके जैसे कर्म होते हैं वैसा फल देते हैं शनि देव
- कर्म के आधार पर न्याय करते है शनिदेव
- शनि कमजोर होने पर आती हैं कई तरह की परेशानियां
- जिसका शनि होता है मजबूत उसे मिलता यश कीर्ति और वैभव
- 2024 में शनिदेव 3 बार बदलनेंगे अपनी चाल
- बदलाव का जातकों पर अच्छा तो कुछ पर बुरा असर पड़ेगा
वर्मतान में शनि देव की स्थिति
शनिदेव फिलहाल कुंभ राशि में विराजमान हैं। शनि देव 11 फरवरी के दिन अस्त होंगे और इसके बाद अगले माह मार्च की 18 तारीख को उनका उदय होगा। ज्योतिष बताते हैं कि 29 जून से शनि देव वक्री अवस्था में होंगे। शनिदेव का वक्री होना कुछ राशि के जातकों के लिए अशुभ परिणाम ला सकती है। लेकिन आज हम यहां उन राशि के जातकों की भी बात करेंगे। जिनके लिए शनिदेव का वक्री होना उनकी चाल बदलन फायदेमंद है। इन राशि के जातक जो स्वभाव से होते हैं नटखट लेकिन दिल के साफ होते हैं।
वृषभ राशि के जातकों को होगा ये लाभ
वृषभ राशि के जातकों की बात करें तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ राशि के जातकों को शनिदेव की वक्री अवस्था का फायदा हो सकता है। उनका प्रेम जीवन यानी लव लाइफ अच्छी चलेगी। कारोबार में आ रहीं दिक्कतों को शनिदेव कम करेंगे। इतना ही नहीं अचानक कहीं से धन लाभ भी हो सकता है।
सिंह राशि के जातकों पर पडे़गा सकारात्मक प्रभाव
वहीं सिंह राशि के जातक की बात करें ता शनि देव की चाल का सिंह राशि के जातकों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आर्थिक स्थिति में मजबूत होगी उसमें सुधार की संभावना है। इस राशि के जाबतों के करियर में आ रही समस्याएं खत्म हो सकती हैं। वहीं व्यवसाय करने वाले जातकों को भी इस अवधि में फायदा हो सकता।
कुंभ राशि के जातकों को मिलेगी आर्थिक मदद
उधर कुंभ राशि के जातकों की बात करें तो कुंभ राशि के जातकों के लिए भी ये साल शनि देव के कारण अच्छा हो सकता है। इस राशि के जातकों का धार्मिक क्षेत्र में लगाव बढ़ेगा। साथ ही इस दौरान आर्थिक मदद के लिए लोग सामने आ सकते हैं। आपके लिए कोराबार के लिहाज से भी साल 2024 काफी अच्छा रहेगा।
शनि देव सभी को नहीं देते कष्ट …!
शनिदेव न्यायदाता तो हैं ही कर्मफल और भग्य विधाता भी हैं। शनिदेव अपनी शरण में आने वाले अपने भक्तों को कष्ट से शीघ्र ही मुक्त दि देते हैं। ज्योतिष शास्त्र की माने तो शनि की जब साढ़ेसाती लगती है और जीवन में अचानक नुकसान का दौर प्रारंभ होता है। तब अपने आप ही जातक की बुद्धि यह विचार करने लगती है कि कहीं शनिदेव कष्ट तो नहीं दे रहे हैं। यह विचारने पर विवश हो जाते है। वैसे शनिदेव नवग्रहों में कालकारक और जातक के अच्छे बुरे कर्मों का फल उनकी दशा, महादशा और अंतरदशा अथवा ढय्या और साढ़ेसाती के समय देते हैं। जातक के यदि कर्म अच्छे हैं और जातक सात्विक है, पवित्र होने के साथ ध्यान धारणा और भक्तिमार्ग पर चलता है तो शनिदेव ऐसे जातकों की रक्षा भी करते हैं। वही जातक कुमार्ग पर चलता है तो नियिचत तौर पर शनिदेव ऐसे जातक को अपनों से दूर, बीमारी के साथ पदावनति, पदच्युती ही नहीं कभी कभी जेल यात्रा भी करा देते हैं। कोर्ट केस और धनहानि जैसे फल प्रदान करते हैं। लिहाजा शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सदा माता पिता की सेवा करना चाहिउ। धर्म मार्ग पर चलना चाहिए। इस भ्रम से आप दूर रहें कि शनिदेव अपनी साढ़ेसाती में सबको कष्ट देते हैं। क्योंकि शनि कभी भी अशुभ नहीं हैं। शनि तो न्यायकर्ता हैं। शनि के दरबार में चापलूसी और रिश्वत का लेन देन नहीं होता। असहाय और निर्बल की आप सहायता करेंगे। भिखारी और कौड़ियों को वस्त्र प्रदान करेंगे कंबल देंगे और भोजन कराने से शनिदेव सदा प्रसन्न रहते हैं आप सहाय को असहाय करेंगे। दूसरों को कष्ट पहुंचाने और मांस मदिरा का सेवन करने कुसंगति में रहने से शनि नाराज होते हैं। शनि के प्रहार से ऐसे जातकों को भयंकर विपत्तियों का सामना करना पड़ता है। जो जातक अपने माता पिता को कष्ट देते हैं। उनके लिए अपशब्द कहते हैं ऐसे जातकों को तीसरी साढ़ेसाती की दशा में संतान की ओर से घोर कष्ट झेलना पड़ता है। जातक को कर्मों का फल ही उसको भोगना पड़ता है और भय शनिदेव से आता है।