दिल्ली में विधानसभा चुनाव के प्रचार के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नाराजगी जताई है। एक पॉडकास्ट में कई मुद्दों का जिक्र करते हुए एलजी ने इशारों ही इशारों में आम आदमी पार्टी सरकार पर हमला बोला है। एनजी ने कहा दिल्ली की गंदगी देखकर ऐसा लगता है जैसे दिल्ली में कोई नगर निगम है ही नहीं।
- चुनाव के बीच बिफरे LG वीके सक्सेना
- एलजी के निशाने पर AAP सरकार
- कहा—दिल्ली में नगर निगम है या नहीं!
- बच्चे गंदे पानी के बीच से निकलकर पहुंच रहे स्कूल
- साफ और स्वच्छ वातावरण देना सरकार की जिम्मेदारी
दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने पॉडकास्ट सीरीज ‘अपनी दिल्ली अपनी बात के दौरान कहा हर राज्य सरकार कि जिम्मेदारी होती है कि वह अपनी जनता के लिए स्वच्छ पानी का इंतजाम करे। स्वच्छ वातावरण बनाए। उसके साथ ही साथ आमजन को अच्छी सड़कें दें। अच्छा रहन-सहन का वातावरण भी दे। लेकिन यह दुर्भाग्य की बात यह है की आज दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन चुका है। जहां तीन-तीन कूड़े के पहाड़ नजर आते हैं। यमुना जी जो कि यहां कि जीवनदायिनी नदी हो सकती थी, आज यमुना नदी की हालत ऐसी है कि वहां कोई खड़ा नहीं हो सकता। नदी के पानी को छूना तो बहुत दूर की बात है।
गरीबों के साथ आप सरकार कर रही अन्याय
दिल्ली के एलजी सक्सेना ने कहा गरीबों को आम आदमी पार्टी की सरकार फ्री बिजली और फ्री पानी देने की बात कहकर उन्हीं के साथ अन्याय कर रही हैं। धोखा कर रही है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है। लेकिन यहां सात से आठ दिन तक घरों में नल से जल नहीं आता। लोगों को पानी का टैंकर मंगवाने को मजबूर होना पड़ता है। पेयजल के वितरण में इतनी असमानता है कि दिल्ली के पॉश इलाकों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 560 लीटर पानी ही मिल रहा है। वहीं दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ियों की बात करें तो यहां रहने वाले हाशिए पर बैठे व्यक्ति को महज 20 लीटर पानी प्रति दिन ही मिल रहा है। उसमे भी दिल्ली की कई बस्तियां ऐसी हैं जहां सीवेज और पानी की पाइप लाइन एक होने से पानी दूषित हो गया है। लीकेज के चलते सीवेज का पानी, पीने के पानी में मिल जाता है। जिसके चलते दिल्ली की जनता सीवेज का गंदा पानी पीने को विवश है।
दिल्ली के लोगों मुफ्त में बीमारियां ही मिल रही
एलजी ने तंज कसते हुए कहा लगता है दिल्ली में कोई नगर निगम है ही नहीं। उपराज्यपाल सक्सेना ने यह भी कहा कि उनका मानना है की दिल्ली में इतनी गंदगी है कि ऐसा लग रहा है कि दिल्ली में जैसे कोई नगर निगम है ही नहीं। सड़क पर कूड़े के ढेर दिखाई देते हैं। दिल्ली के झुग्गी बस्तियों में अगर आप जाएं तो वहां की सड़क सीवर के पानी से भरी पड़ी है। यहां का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त है। नाले चोक हो चुके हैं। जिनकी दस साल से कोई सफाई हुई ही नहीं है। सीवेज के पानी में बच्चे खेलने नजर आ जाते हैं। गंदे पानी को पार करके बच्चे स्कूल जाने को विवश हैं। ऐसे माहौल में केवल दिल्ली के लोगों मुफ्त में बीमारियां ही मिल रही हैं।
(प्रकाश कुमार पांडेय)