पायलट को हनुमान का साथ!नई पार्टी बनाएंगे तो मैं दूंगा सचिन का साथ-बेनीवाल

Hanuman Beniwal RLP

राजस्थान कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से पहले मचे घमासन ने पार्टी नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। पायलट ने राजस्थान की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई न किये जाने को मुद्दा बना लिया है। उन्होंने इसे लेकर 11 मई से जनसंघर्ष पदयात्रा भी शुरु कर दी है। इस बीच राजस्थान में सक्रिय आरएलपी के नेता हनुमान बेनीवाल का बड़ा बयान सामने आया है। बेनीवाल ने कहा सचिन पायलट अगर नई पार्टी बनाते हैं तो हम उनसे गठबंधन के लिए तैयार हैं।

आरएलपी लीडर बेनीवाल का कहना है वे साल 2009 से वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के आपसी गठजोड़ के आरोप लगाते रहे हैं। अब जाकर गहलोत ने यह सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने उनकी सरकार बचाने में मदद की थी।हनुमान बेनीवाल ने यह भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी बार-बार अशोक गहलोत को अपना मित्र बताते हैं, यह भी इस बात का संकेत है कि राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस मिले हुए हैं। गठबंधन से जुड़े सवाल पर हनुमान बेनीवाल ने जवाब देते हुए कहा सचिन पायलट अगर कांग्रेस अलग होकर नई पार्टी बनाते हैं तो कांग्रेस और बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए पायलट के साथ सियासी गठबंधन का रास्ता खुला है।

कांग्रेस में चुनाव से पहले हो सकता है बड़ा उलटफेर

ऐसे में लगता है राजस्थान कांग्रेस में चुनाव से पहले जल्द कोई बड़ा उलटफेर होने वाला है। इसके संकेत मिलने लगे हैं। राज्य के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी जंग का अंजाम जल्द सामने आने वाला है। बता दें तीखी होती जा रही इस जंग के बीच सचिन पायलट ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया है। उन्होंने गुरुवार को अजमेर से जयपुर तक अपनी जन संघर्ष पदयात्रा शुरू भी कर दी है। यात्रा पांच दिनों तक चलेगी। पायलट की इस पदयात्रा और उनके तीखे तेवर से कांग्रेस में खलबली मची हुई है।

रंधावा ने बुलाई दिल्ली में बैठक

इस बीच शुक्रवार को राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। बैठक में राजस्थान कांग्रेस के सभी पदाधिकारी शामिल होंगे जो आगे की रणनीति पर मंथन करेंगे। बता दें पूर्व उिप्टी सीएम सचिन पायलट ने राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बढ़ाते हुए 11 मई को अपनी जन संघर्ष पदयात्रा शुरू कर दी है। यात्रा शुरू होने के बाद कांग्रेस में खलबली मच गई है। प्रदेश कांग्रेस ने इसे पायलट का निजी मार्च करार दिया और कहा कि इसका पार्टी संगठन से कोई लेना देना नहीं है।

अलग करके गुट बनाने वाला नहीं होता सफल-गहलोत

वहीं सीएम गहलोत ने भी बिना नाम लिए पायलट पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा कि उनहोंने हमेशा सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की है। सबको साथ लेकर चलने वाला ही लोकतंत्र में सफल होता है। जो खुद को अलग करके गुट बना लेता है वह जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता। इधर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सचिन पायलट की पदयात्रा उनकी निजी यात्रा है। इसका पार्टी संगठन से कोई लेना-देना नहीं है। यह कांग्रेस की यात्रा नहीं है।

जांच से पहले दे दी भ्रष्टाचारियों को क्लीन चिट-पायलट

वहीं अपनी जन संघर्ष यात्रा के दूसरे दिन शुक्रवार को सचिन पायलट ने अजमेर में सवाल करते हुए कहा भ्रष्टाचार कहां नहीं होता। लेकिन आप उसे हटाने के लिए कितने कदम उठा रहे हैं, ये मायने रखता है। पायलट ने कहा पेपर लीक की जब जांच हो रही थी तब बयान आया कि इसमें न कोई नेता शामिल है न कोई अधिकारी। ऐसे में बिना जांच खत्म किए अगर पहले ही इस तरह से घोषित कर दिया जाएगा तो क्या जांच रह जाएगी। बता दें पायलट ने अजमेर से जन संघर्ष यात्रा की शुरुआत करते हुए कहा था वसुंधरा राजे के कार्यकाल में भ्रष्टाचार, पेपर लीक जैसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जब मैंने उनके बारे में बात की तो मुझे कोई जवाब नहीं मिला। जन संघर्ष पद यात्रा 125 किमी लंबी होगी। सचिन पायलट लोगों के बीच जाएंगे और उनकी शिकायतें सुनेंगे। पांच दिवसीय महोत्सव का समापन 15 मई को होगा। कांग्रेस नेता सचिन पायलट इस वक्त अपनी ही सरकार के खिलाफ राजस्थान में जन संघर्ष यात्रा निकाल रहे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री सीएम अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट बीच जारी सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

पायलट और बेनीवाल सबक सिखाएंगे वसुंधरा और गहलोत को

Exit mobile version