मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना हैं। चुनाव अब कम समय बचा है। जहां एक ओर बीजेपी विकास यात्रा निकाल कर घर-घर संपर्क साधने की कोशिश में जुटी है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस गुटबाजी में उलझती जा रही है। इसका असर पार्टी के चुनाव प्रचार पर पड़ रहा है।
- अक्टूबर-नवंबर में होंगे विधानसभा के चुनाव
- कांग्रेस कमलनाथ को बता रही भावी मुख्यमंत्री
- कमलनाथ के भावी सीएम के पोस्टर पर टकराव
- पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने साधा निशाना
- कांग्रेस में सीएम चेहरा तय करने की परंपरा नहीं
- सत्ता में आने के बाद चेहरा होगा तय
- कमलनाथ अभी पीसीसी के अध्यक्ष हैं
कमलनाथ से खुश नही दूसरी पंक्ति के नेता
मप्र में कांग्रेस के तीन प्रमुख नेता कमलनाथ के कद से खुश नहीं हैं। पार्टी में कमलनाथ के कद से अरुण यादव, जीतू पटवारी और अजय सिंह खुश नहीं हैं। उन्हें दिग्विजय सिंह का करीबी माना जाता है, लेकिन उन्हें लगता है कि पार्टी में उन्हें हाशिए पर रखा जा रहा है। जैसा कि कमलनाथ राज्य में बहुत प्रभाव रखते हैं। इन नेताओं को डर है कि पार्टी आलाकमान टिकट वितरण के दौरान कमलनाथ से परामर्श करेगा और दिग्विजय सिंह समर्थक किनारे कर दिए जाएंगे।
सीएम के सवाल पर मुखर हुए अरुण यादव
दरअसल अरुण यादव से सवाल किया गया कि अगर कांग्रेस पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में जीतती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा। इसके जवाब में अरुण यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। यह सत्ता आने के बाद तय होगा। 2023 में नतीजे आने के बाद यह तय हो जाएगा। आज की तारीख में कमलनाथ पीसीसी के अध्यक्ष हैं। उनके नेतृत्व में हम सभी लोग काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कौन होगा। कब होगा और कैसे होगा, ये सब कुछ सत्ता आने के बात तय होगा। अभी कोई मुख्यमंत्री नहीं है। वहीं अरुण यादव एमपी कांग्रेस के बड़े नेता हैं। वह केंद्र में भी मंत्री रहे हैं। साथ ही प्रदेश में अध्यक्ष भी रहे हैं। अपने नाम पर उन्होंने कहा कि मैं एक कार्यकर्ता हूं। पार्टी की तरफ से मुझे जो भी काम मिलता है। मैं उसे पूरी इमानदारी शिद्दत से निभाता हूं। आगे भी पार्टी मुझे जो कहेगी। मैं उसे करूंगा। इसके साथ ही अरुण यादव से पूछा गया कि आपके हिसाब से कौन चेहरा होना चाहिए। इस पर उन्होंने कहा कि दिल्ली को तय करने दीजिए न। वेट कीजिए। चुनाव होगा, नतीजे आएंगे। इसके बाद विधायक दल की बैठक होगी। यह पूरा प्रोसेस है।
अजय सिंह भी अरुण यादव के साथ
वहीं मप्र के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी अरुय यादव के बयान का समर्थन किया है। उन्होंंने कहा कांग्रेस की परंपरा रही है कि सीएम चेहरा घोषित नहीं होता। केंद्रीय नेतृत्व और विधायक दल ही सीएम चुनता है। कोई व्यक्ति अपने आप को सीएम नहीं बताता। अजय सिंह राहुल ने कहा कि वह भावी विधायक ही कह सकते हैं। कांग्रेस में कमलनाथ के नेतृत्व को लेकर कभी कोई आपत्ति या मतभेद नहीं रहा। लेकिन अचानक अरुण यादव के बयान ने राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया। अरुण यादव के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री की घोषणा पहले नहीं की जाती है।
पद की नहीं मप्र के भविष्य की चिंता—कमलनाथ
वहीं ग्वालियर में एक कार्यक्रम के दौरान जब पूर्व सीएम कमलनाथ से इसे लेकर सवाल किया गया तो उनका साफ कहना था कि वे किसी चेहरे और पद की खोज में नहीं हैं। उन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ प्राप्त कर लिया है। वे मप्र का भविष्य सुरक्षित रखना चाहते हैं।