एमपी में बढ़ रहा श्रीअन्न का रकबा… राज्य सरकार ने लागू की किसानों के लिए ये महत्वपूर्ण योजना…!
मध्य प्रदेश में श्रीअन्न के रकबा लगातार बढ़ रहा है। तीन साल में इसमें दोगुना वृद्धि दर्ज की गई है। जिस पर सीएम डॉ.मोहन यादव ने एमपी के किसानों को बधाई दी है। मध्य प्रदेश में श्रीअन्न जिसे मिलेट कहा जाता है, के उत्पादन ही नहीं उसके उपयोग को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
एमपी में लागू होगी रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना
2020-21 में था मिलट का रकबा 67 हजार हेक्टेयर
2023-24 में बढ़कर 1.35 लाख हेक्टेयर
इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। साल 2020-21 में जहां मिलट का रकबा 67 हजार हेक्टेयर था। वहीं अब साल 2023-24 में बढ़कर 1.35 लाख हेक्टेयर रिकॉर्ड किया गया है। राज्य सरकार की ओर से श्रीअन्न उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया गया है।
मध्यप्रदेश में मिलेट फसलें
कोदो-कुटकी, रागी और ज्वार-बाजरा का उत्पादन
अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्र होती है कोदो-कुटकी की खेती
मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, छिंदवाड़ा में कोदो-कुटकी की खेती
मंडला और डिंडोरी, सिवनी और जबलपुर में रागी की खेती
खंडवा, बड़वानी और खरगोन, बैतूल, छिंदवाड़ा, राजगढ़ और गुना में ज्वार की खेती
मालवा क्षेत्र को बाजरा के उत्पादन के लिए जाना जाता है
मध्यप्रदेश में रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का सरकार ने फैसला किया है। बता दें मध्य प्रदेश में श्रीअन्न मिलेट के विस्तार के लिए लगातार काम किया जा रहा है। साथ ही यहां पर मध्य प्रदेश राज्य मिलेट्स मिशन भी संचालित है। मध्यप्रदेश में मिलेट फेडरेशन का पंजीयन किया गया है। जिसका नाम श्रीअन्न प्रोत्साहन कंसोर्टियम ऑफ फॉर्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड है। प्रदेश में जहां साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में बड़े पैमाने पर मनाया गया था। श्रीअन्न मिलेट्स के उत्पादन और उपयोग के प्रोत्साहन के लिए लगातार कार्यक्रम भी किये जा रहे हैं। मिलेट्स की खेती मुख्य रुप से खरीफ ऋतु में की जाती है।
मध्यप्रदेश में मिलेट फसलें जैसे कोदो-कुटकी ही नहीं रागी और ज्वार-बाजरा का उत्पादन भी किसानों के द्वारा किया जाता है। जिसमें कोदो-कुटकी की खेती मध्यप्रदेश में मुख्य रूप से अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्र मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, छिंदवाड़ा आदि जिलों में की जाती है। जबकि रागी की खेती मध्यप्रदेश में मंडला और डिंडोरी के साथ सिवनी और जबलपुर में बड़े पैमाने पर की जाती है। उधर प्रदेश के खंडवा, बड़वानी और खरगोन के साथ बैतूल, छिंदवाड़ा, राजगढ़ और गुना जिले में ज्वार की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। मालवा क्षेत्र को बाजरा के उत्पादन के लिए जाना जाता है।
एमपी के मिलट्स को पर्यटन का सहारा
मिलेट्स प्रोत्साहन के तहत साल 2023-24 में मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन की ओर से बीज वितरण और किसानों को प्रशिक्षण, किसान अध्ययन भ्रमण, सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इसके अलावा मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर अब फ़ूड फेस्टिवल ही नहीं रोड-शो के जरिये भी मिलेट्स का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इतना ही नहीं इंदौर में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय दिवस और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान श्रीअन्न आधारित उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। उनकी शो-केसिंग की गई। वहीं राजधानी भोपाल में जी-20 कृषि वर्किंग ग्रुप सम्मेलन के दौरान श्रीअन्न आधारित प्रदर्शनी लगाई गई थी। मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के लिये अब मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम का भी सहयोग लिया जा रहा है। जिसमें निगम के सभी होटल्स में अब मिलेट व्यंजन परोसे जा रहे हैं।