मध्यप्रदेश के कूनो अभ्यारण्य में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों में से अब तक तीन चीतों की मौत हो चुकी है। तीसरे चीते की मौत के बाद सियासत गरमा गई है। दरअसल ये चीते पीएम नरेन्द्र मोदी ने कूनों में छोड़े थे। ऐसे में समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हमला बोला है। उन्होंने इसे प्रशासनिक हत्या करार दिया है। अखिलेश यादव ने इसे लेकर ट्वीट किया है। जिसमें कहा कि कूनो में तीसरे चीते की मौत दरअसल प्रशासनिक हत्या है। केवल राजनीतिक प्रदर्शन के लिए जो बीजेपी के लोगों ने मजमा खड़ा किया था। उनका ये दायित्व भी बनता था कि विदेशी चीतों को बीमारी और आपसी संघर्ष से मुक्त सुरक्षित वातावरण प्रदान करें। दरअसल ये जानवरों पर क्रूरता का स्पष्ट मामला है। इस पूरे मामले में अब दंडात्मक कार्रवाई की जरुरत है।
- कूनो में मादा चीता दक्षा की मौत
- बाड़ा नंबर-1 थी मादा चीता दक्षा
- नजदीक ही बना था बाडा नंबर-7
- 7 नंबर बाड़े में थे नर चीते वायू और अग्नि
- दक्षा के बाड़े में वायु और अग्नि को छोड़ा था
- 6 मई को दक्षा के बाड़े में दाखिल हुआ था चीतों का जोड़ा
- नर चीते के साथ सहवास के दौरान हुई मौत
- चीते की मौत पर सियासत जारी
- नर चीते ने मार दिया था दक्षा को पंजा
- दो महीने में तीसरे चीते की मौत
दरअसल चीतों को खुले जंगल में छोड़ने से पहले ही कूनो प्रबंधन नर और मादा चीतों के बीच सहवास कराने के प्रयास में जुटा है। इस बीच मंगलवार को दक्षिण अफ्रीकी दो चीते बड़े बाड़े में मादा चीता दक्षा के साथ सहवास के लिए छोड़े गए थे। लेकिन सहवास के दौरान हुई जद्दोजहद करते हुए दोनों नर चीते मादा चीता पर हावी हो गए। इस दौरान तीनों के बीच बाड़े में भिडंत हो गई। जिसमें मादा चीता दक्षा बुरी तरह घायल हो गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
मादा चीता दक्षा के शरीर पर थे घाव
बता दें मंगलवार को मादा चीता दक्षा की भी मौत हो गई । मौत की वजह चीता से मिटिंग के दौरान चोट लगने की बात सामने आई है। वन विभाग ने मादा चीता दक्षा के शरीर पर पाए गए घाव के आधार पर आशंका जताई कि प्रथमदृष्टया मेल से हिंसक इंटरेक्शन संभवत: मेटिंग के दौरान होना प्रतीत होता है। मृत चीता का नियमानुसार शव परीक्षण पशु चिकित्सक दल द्वारा किया गया। बता दें दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों के दल में से अब तक तीन चीतों की मौत हो चुकी है।
कूनों में अब 17 चीते और 4 शावक
इससे पहले दो चीतों के अलग-अलग कारणों से मौत हुई थी कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से 8 और साउथ अफ्रीका से 12 चीते लाकर बसाए गए थे। इन चीतों में अब तक एक नामीबियाई मादा चीता साशा और साउथ अफ्रीका के नर चीता उदय की एक माह के अंतराल में मौत हो चुकी है। वहीं मंगलवार को साउथ अफ्रीका से लाई गई मादा दक्षा की की भी मौत हो गई। हालांकि एक अन्य मादा चीता द्वारा पिछले मार्च माह में 4 शावकों को जन्म भी दिया गया है। फिलहाल कूनो में 17 चीते और 4 शावक मौजूद हैं। जिसमें से कूनो के खुले जंगल में 3 चीता विचरण कर रहे है। शेष को क्वारंटाइन बाड़ों में रखा गया है।