गुजरात में इन दिनों आसमान पर पक्षियों के साथ पतंगें भी नजर आ रही है। दरअसल पर्यटन विभाग की ओर से 14 जनवरी तक अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव 2024 का आयोजन किया जा रहा है। राजधानी अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट पर वल्लभ सदन के पास अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
- सीएम भूपेन्द्र पटेल ने किया पतंग महोत्सव का उदघाटन
- पर्यटन मंत्री मूलुभाई बेरा भी पतंग के पेंच लड़ाते नजर आए
- डोर और चकरी लेकर पहुंचे 55 देशों के 153 अंतर्राष्ट्रीय पतंगबाज
- अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पतंगबाजों की परेड
राज्य के सीएम भूपेन्द्र पटेल ने रविवार 7 जनवरी को सुबह 8 बजे पतंग महोत्सव का उदघाटन किया। इस दौरान सीएम पटेल पतंगबाजों का उत्साह बढ़ाने के लिए पतंगबाजी पर हाथ आजमाते नजर आए। इस मौके पर राज्य के पर्यटन मंत्री मूलुभाई बेरा भी सीएम के साथ पतंग के पेंच लड़ाते नजर आए। इस पतंग महोत्सव में विश्व के करीब 55 देशों के 153 अंतर्राष्ट्रीय पतंगबाज डोर और चकरी लेकर यहां पहुंचे हैंं। वही देश के 12 राज्यों के पतंगबाज भी इस आयोजन में शामिल हुए। 68 राष्ट्रीय और गुजरात के 23 शहरों के करीब 865 पतंगबाज यहां पहुंचे। पतंगबाज विभिन्न आकार के पतंग लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।
दरअसल गुजरात के विभिन्न शहरों में पतंग महोत्सव का आयोजन किया है। अहमदाबाद के बाद 8 जनवरी को वडोदरा में, 9 जनवरी को एकता नगर और देवभूमि द्वारका के साथ 10 जनवरी को सूरत और राजकोट के बाद 11 जनवरी को धोरडो और वडनगर, 12 जनवरी को नडाबेट में पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव 2024 में इस बार खास तौर पर पतंग का इतिहास दर्शाते थीम पर पैवेलियन तैयार किया गया है। पतंग महोत्सव के दौरान राज्य के हस्तकला के कारीगरों की ओर से भी उनके हाथ से बनाई गई वस्तुओं को बेचने के लिए स्टाल लगाए गए हैं। इस उद्देश्य से हस्तकला बाजार के स्टोल और पतंगियों के लिए खान-पान के स्टाल भी लगाए गए। पतंग महोत्सव के दौरान अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पतंगबाजों की परेड भी आयोजित की गई। इतना ही नहीं पतंग महोत्सव के दौरान 13 जनवरी तक शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है। गुजरात सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से पतंग महोत्सव के आयोजन से देश-विदेश के पर्यटकों की संख्या बढ़ने के साथ ही स्थानीय स्तर पर भी रोजगार के नए अवसर मिले हैं। जिससे राज्य का अर्थतंत्र मजबूत होने के साथ ही पर्यटन विभाग से जुड़े लोगों को रोजगार मिलने से उनके जीवनस्तर में भी सुधार हुआ है।
क्यों मनाया जाता है पतंग महोत्सव
सूर्य जब उत्तरायण में पहुंचता है तो सर्दी गर्मियों में बदलती है। जिसे मकर संक्रांति या उत्तरायण के रूप में जाना जाता है। बता दें उत्तरायण वाले दिन गुजरात के अधिकांश शहरों में लोग सुबह से ही पतंगबाजी के पेंच लड़ाने लगते हैं। आसमान सुबह होने के साथ रात के अंधेरे तक रंग बिरंगी पतंगों से भरा नजर आता है। गुजरात के सभी शहरों में हर कोई पतंग उड़ाने और अपने पड़ोसियों के साथ कॉम्पटीशन करने के लिए छत और सड़क तक भर जाती हैं। खाने के लिए लड्डू, उंधियू और सूरती जामुन पतंगबाजों को मिलते हैं।
1989 से मनाया जा रहा है हर साल पतंग महोत्सव
गुजरात के अहमदाबाद शहर में हर साल उत्तरायण के आधिकारिक उत्सव के रूप में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया जाता है। 1989 से यहां दुनिया भर से मास्टर पतंग निर्माता और उड़ने वाले अपनी अनौखी पतंगों का प्रदर्शन चले आ रहे हैं। यहां ऐसी ऐसी पतंगें देखने को मिलती हैं। यह पतंग आपने कहीं और नहीं देखी होंगी। पिछले कुछ साल के दौरान इंडोनेशिया, अमेरिका,मलेशिया, जापान और चीन में उड़ने वाले ड्रैगन भी यहां लोगों ने देखे। यहां अहमदाबाद के खास पतंग निर्माता भी अपनी पतंगों की प्रदर्शनी लगाते हैं।