भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट विकसित करने के लिए महत्वाकांक्षी एएमसीए Advanced Medium Combat Aircraft प्रोग्राम को मंजूरी दे दी है। यह फैसला भारत को अब रक्षा तकनीक में वैश्विक शक्तियों की श्रेणी में खड़ा करने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।
- आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी एएमसीए प्रोग्राम को मंजूरी
- देश में ही बनाए जाएंगे पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स
- मंजुर हुआ भारत का AMCA प्लान
- पांचवीं पीढ़ी वाला ये है देशी फाइटर जेट
जानें क्या है AMCA प्रोग्राम?
यह एक एएमसीए भारत का स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट प्रोग्राम है। जिसे DRDO और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड HAL की मदद से विकसित किया जा रहा है। यह विमान पांचवीं पीढ़ी की अत्याधुनिक तकनीकों जैसे स्टील्थ क्षमता ही नहीं सुपरसोनिक क्रूज, इंटरनल वेपन बे और आधुनिक एवियोनिक्स से लैस होगा। इस विमान में लो ऑब्जर्वेबिलिटी Low Observability तकनीक होगी। जिससे यह रडार की पकड़ से बच सकेगा। यह एक मल्टीरोल फाइटर जेट होगा। जो हवाई हमला, निगरानी, और गहन मिशनों को अंजाम देने में सक्षम होगा।
आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा फैसला
एएमसीए परियोजना को हरी झंडी देना मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों के तहत एक बड़ी उपलब्धि है। अब तक भारत को अपनी उन्नत वायु शक्ति के लिए अमेरिका, रूस, और फ्रांस जैसे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन इस परियोजना के तहत अत्याधुनिक फाइटर जेट देश में ही डिजाइन और निर्माण किए जाएंगे। इससे विदेशी आयात पर भारत की निर्भरता भी कम होगी और रक्षा खर्च में बचत होगी। इतना ही नहीं रक्षा उत्पादन क्षेत्र में हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “AMCA प्रोग्राम भारत की रक्षा स्वावलंबन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे भारत विश्व की उन चुनिंदा देशों और शक्तियों में शामिल हो जाएगा जो अपनी पांचवीं पीढ़ी की लड़ाकू विमानों का विकास खुद करती हैं। राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं होगी बल्कि भारत की संप्रभुता और सुरक्षा का एक सशक्त प्रतीक भी होगा।
वैश्विक रक्षा निर्माण का केन्द्र बनेगा भारत
एएमसीए के सफल विकास और तैनाती से भारत को रक्षा निर्यात में भी बढ़त मिल सकती है। मित्र देशों को यह जेट निर्यात कर भारत अंतरराष्ट्रीय रक्षा बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी बन सकता है। इससे भारत की रणनीतिक स्थिति और वैश्विक प्रभाव में भी वृद्धि होगी।
दरअसल एएमसीए प्रोग्राम की मंजूरी भारत के लिए सिर्फ एक रक्षा परियोजना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आत्मविश्वास और स्वदेशी तकनीकी कौशल और वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ाया गया एक मजबूत कदम है। यह न केवल भारतीय वायुसेना को अत्याधुनिक शक्ति प्रदान करेगा बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को भी साकार करने में भी निर्णायक भूमिका निभाएगा।….प्रकाश कुमार पांडेय