कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय बजरंग दल पर बैन लगाने का मुद्दा जमकर उछला। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इस शामिल किया था। इसके बाद बीजेपी ने कर्नाटक ही नहीं देशभर में जोरशोर से उठाया और विरोध किया। उसे उम्मीद थी कि इस मुद्दे को भुनकर कर्नाटक की सत्ता फिर से हासिल की जा सकती है।, लेकिन उसके मंसूबे पूरे नहीं हुए। अब जबकि कांग्रेस ने राज्य में सरकार बना ली है। ऐसे में बजरंग दल पर प्रतिबंध को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है।
- कर्नाटक चुनाव में छाया था बजरंग दल प्रतिबंध का मुद्दा
- कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र के किया है शामिल
- चुनाव के समय कांग्रेस ने कहा था
- ‘सरकार बनी तो बजरंग दल पर लगाएंगे प्रतिबंध’
- अब सरकार बनने पर कांग्रेस की क्या है रणनीति
कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतकर सिद्धारमैया के नेतृतव में सरकार बनाई। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से अब सवाल यह है कि क्या बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाया जाएगा या नहीं। मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण समारोह के बाद जब सिद्धारमैया से बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के बारे में पूछा गया, तो सीएम कहा था कि नफरत फैलाने वाले सभी राजनीतिक समूहों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ये संगठन चाहे किसी भी धर्म के हों, अगर ये नफरत फैलाते हैं तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिसे लेकर बजरंग दल ने चेतावनी दी है कि अगर प्रतिबंध लगाया गया तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
फिलहाल वेट एंड वॉच की हालत में कांग्रेस
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस सरकार प्रतिबंध लगाने का विकल्प नहीं चुनेगी क्योंकि कर्नाटक के लोगों ने बजरंग दल के प्रभाव को खारिज कर दिया है। भले ही मोदी ने खुद बजरंग दल का मुद्दा उठाया, लेकिन लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इतना ही नहीं कांग्रेस भी बजरंग दल को ज्यादा महत्व नहीं देगी। यही कारण है कि सिद्धारमैया ने सतर्क रुख अपनाया है।
खरगे ने दिया था ये बयान
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि उनकी पार्टी कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। खरगे ने कहा कि वे राज्य में शांति के लिए हिंसा में लिप्त किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं करेंगे। फिर चाहे वो आरएसएस हो बजरंग दल या कोई अन्य सांप्रदायिक संगठन हो। मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा सरकार कानून और संवैधानिक रूप से उन संगठनों से निपटेगी जो राज्य में हिंसा बढ़काने का बीज बोना चाहते हें। वहीं मंत्री खरगे के बयान पर तीखी टिप्पणी करते हुए कर्नाटक के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि अगर कांग्रेस ने ऐसा कुछ किया तो इसका अंजाम ठीक नहीं होगा।
सॉफ्ट हिंदुत्व लागू करना शुरू
कर्नाटक में सरकार बनते ही कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व लागू करना शुरू कर दिया है। इसके तहत कांग्रेस नेताओं ने गंगाजल और गोमूत्र छिड़क कर विधानसभा भवन की सफाई की। कांग्रेस नेताओं ने हवन-पूजन के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया और कहा कि भाजपा ने अपने भ्रष्टाचार से विधानसभा को प्रदूषित किया है इसलिए इसकी सफाई जरूरी है। कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव में बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया था। कर्नाटक कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के घोटालों का विवरण देते हुए एक भ्रष्टाचार दर कार्ड जारी किया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि भाजपा सरकार ने 1.50 लाख करोड़ रुपये लूटे हैं। कर्नाटक में मुख्यमंत्री बनने का रेट 2500 करोड़ रुपए और मंत्री पद का रेट 500 करोड़ रुपए है। कांग्रेस ने अब भ्रष्टाचार के मुद्दे का इस्तेमाल सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड खेलने के लिए किया है।