मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मुस्लिम वोट को साधने के लिए बीजेपी की तरफ से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने मोर्चा संभाल लिया है। राष्ट्रवाद और देशप्रेम के जरिये मुस्लिम मतदाताओं में पैठ बढ़ाने की मंशा से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच भोपाल में मुसलमान युवाओं की ट्रेनिंग का बड़ा कैंप आयोजित करने जा रहा है। जिसकी तैयारियां तेज हो गई हैं। बता दें मुस्लिम राष्ट्रीय मंच यानी एमआरएम कीओर से 2024 लोकसभा चुनाव से पहले एक राष्ट्र, एक झंडा, एक राष्ट्रगान’ की थीम के साथ अल्पसंख्यक समुदाय तक पहुंचने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया जाएगा। एमआरएम, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा संगठन है।
- आरएसएस से जुड़ा संगठन है मुस्लिम मंच राष्ट्रीय
- संघ के इंद्रेश कुमार हैं मंच के प्रमुख संरक्षक
- मंच से जुड़े हैं देश में सवा लाख मुस्लिम कार्यकर्ता
- मप्र में मंच से जुड़े 5 हज़ार से अधिक कार्यकर्ता
- मुस्लिम युवाओं को राष्ट्रवाद से जोड़ता है मंच
- भोपाल में चार दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर
आरएसएस की मुस्लिम शाखा यानी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के इस शिविर में क्या होगा। इसका मकसद क्या है इसके साथ ही प्रदेश मुस्लिम मंच की एंट्री के अब सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। दरअसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मुस्लिम शाखा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अब मध्यप्रदेश के सियासी ग्राउंड में अपनी पारी की शुरुआत कर रहा है। मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी होने से बचाकर राष्ट्रवादी बनाने के लिए मंच भोपाल में ट्रेनिंग कैंप लगा रहा है। भोपाल के पीपुल्स कैंपस में 9 से 11 जून तक ट्रेनिंग होगी। जिसमें मुस्लिम युवाओं को राष्ट्रवाद, समान नागरिक संहिता, एक देश एक ध्वज एक कानून और कट्टरपंथ भारत के लिए खतरा जैसे जैसे विषयों पर उद्बोधन के जरिये राष्ट्रवाद से जोड़ने की कोशिश की जाएगी।
इंद्रेश कुमार और मुस्लिम मौलाना उलेमा देंगे संबोधन
आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और एमआरएम मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही देशभर से जाने माने मुस्लिम मौलाना, उलेमा, और मुस्लिम स्कॉलर के साथ कार्यक्रम में संघ के कई बड़े नेता उद्बोधन देंगे। भले ही मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नेता भोपाल में होने वाले इस आयोजन को पूरी तरह से गैर राजनीतिक बता रहे हों लेकिन कांग्रेस बीजेपी पर मुस्लिम मंच के इस्तेमाल और मुस्लिम युवाओं को बरगलाने के आरोप लगा रही है। वहीं बीजेपी का कहना है यदि मुस्लिम युवा देशभक्त बनते हैं तो इसमें बुराई क्या है।
मुस्लिम इलाकों में जागरूकता अभियान
बता दें मुस्लिम राष्ट्रीय मंच राष्ट्रवादी मुस्लिमों का संगठन माना जाता है। यह संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा का संगठन है। इसे विश्व का सबसे अच्छा संगठन होने का गौरव हासिल है। 2002 में गठित इस संगठन के राष्ट्रीय संयोजक मुहम्मद अफजल हैं। वहीं मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इस कार्यक्रम के पहले मुस्लिम इलाकों में जागरूकता अभियान भी चलाएगा। सच्चा मुसलमान, अच्छा नागरिक के स्लोगन के साथ मंच मुस्लिम इलाकों में पैठ बढ़ा रहा है। जिससे स्थानीय स्तर पर भी बड़ी संख्या में मुस्लिम युवा मंच की विचारधारा से जुड़ सकें। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा के चुनाव हैं। इसके बाद अगले साल 2024 में लोकसभा के चुनाव होना हैं। लेकिन सवाल से है कि संघ और उसके तमाम अनुषांगिक संगठनों की सक्रियता क्या बीजेपी को 2023 में मध्यप्रदेश और 2024 में देश की सत्ता में वापसी करा पाएगी।