मध्यप्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में मौसम के साथ सियासत में भी गरमाहट आने लगी है। सत्तारुढ़ बीजेपी अपनी सरकार की योजनाओं को गिना रही है। वहीं कांग्रेस भी चुनाव रणनीति बनाने में जुट गई। इस बीच 17 अप्रैल को मध्यप्रदेश में कांग्रेस की बड़ी बैठक होने वाली है। जिसमें पार्टी के रणनीतिकार चुनाव को लेकर मंथन करेंगे। वहीं प्रत्याशियों को लेकर भी चर्चा होगी।
- कांग्रेस बना रही चुनावी रणनीति
- चुनाव के पांच माह पहले प्रत्याशियों का ऐलान
- 17 अप्रैल को कमलनाथ ने बुलाई अहम बैठक
- बैठक में होगा प्रत्याशियों के नाम पर मंथन
पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी कांग्रेस
दरअसल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता तो हासिल कर ली थी लेकिन सत्ता में बरकरार नहीं रह सकी। 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। ऐसे में एक बार फिर कांग्रेस विधानसभा चुनाव में पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। राज्य में कांग्रेस के सत्ता से बेदखल होने के बाद इस बार वह पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने की पुरजोर कोशिश करेगी। इसके लिए पार्टी ने प्रत्याशियों को टिकट देने का फॉर्मूला भी बना लिया है। राजनितिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस इस बार पहले से प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर सकती है। चर्चा है कि लगातार हारने वाली विधानसभा सीटों की घोषणा सबसे पहले की जा सकती है। कांग्रेस जून के माह में करीब 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। लेकिन इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने 17 अप्रैल को भोपाल में पार्टी की बड़ी बैठक बुलाई है। जिसमें रणनीति तैयार की जाएगी।
इस माह बन सकती है 40 सीट पर सहमति
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम पर मंथन शुरु कर दिया है। इस महीने प्रदेश की 230 सीटों में से करीब 40 सीटों पर कांग्रेस सहमति बना सकती है। चुनाव से करीब पांच महीने पहले टिकट मिलने से उम्मीदवार को प्रचार और अपनी जमीन तैयार करने के लि काफी समय मिल जाएगा। नेताओं को आमजन के बीच पहुंचकर काम करने का पर्याप्त समय मिलेगा। यही वजह है कि कांग्रेस का मानना है कि पांच महीने पहले टिकट देकर बीजेपी से सीट छीनी जाए।
हारी सीटों पर विशेष ध्यान
मप्र में कांग्रेस जिन सीटों पर लगातार चुनाव हारती आ रही है उन सीटों पर दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारने की रणनीति बना रही है। पूर्व सीएम कमलनाथ से लेकर दिग्विजय सिंह तक हारी हुई सीटों का लगातार दौरा कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह फिलहाल बुंदेलखंड अंचल की सीटों पर मंडल सेक्टर की बैठक कर रहे हैं। इसके साथ ही उनका पूरा फोकस मोर्चा प्रकोष्ठ पर है। वहीं कमलनाथ भी बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाकर जनसभा और कार्यकर्ताओं को मजबूत करने में जुटे हैं।