दिल्ली: देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले पिछले कुछ दिनों से बढ़ते जा रहे हैं। बात करें केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र की तो यहां सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। ये राज्य कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में शामिल हैं। विशेषज्ञों की माने तो XBB.1.16 को कोरोना के मामलों का कारण मानते हैं। इससे पहले तक इसके लिए एच3एन2 इंफ्लूएंजा वायरस और वायरल फीवर को ही जिम्मेदार माना जा रहा था। लेकिन विशेषज्ञों की माने तो कोरोना XBB.1.16 का नया वेरिएंट केस बढ़ने की नई वजह हो सकता है।
- फिर कोरोना वायरस का नया खतरा
- XBB.1.16 का नया वेरिएंट बढ़ा रहा केस
- केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले
- कोरोना XBB.1.16 का नया वेरिएंट
देश में XBB.1.16 के सबसे अधिक मामले
अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म कोवेस्पेक्ट्रम द्वारा कोरोना के वैरिएंट पर नजर रखी जाती है। जिसके मुताबिक भारत में XBB.1.16 के सबसे ज्यादा 48 मामले सामने आए हैं। जबकि भारत के बाद ब्रुनेई में 22, अमेरिका में 15 और सिंगापुर में 14 नए मामले अब तक सामने आ चुके हैं। कोवस्पेक्ट्रम की माने तो यह वैरिएंट भारत में महाराष्ट्र और गुजरात में तेजी से अपने पैर फैला रहा है। भारत में मिले 48 मामलों में से महाराष्ट्र में 39 और गुजरात में 8 और एक उत्तर प्रदेश में पाया गया है।
जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चलेगी असली वजह
मेडिकल एक्सपर्ट्स की माने तो XBB.1.16 वेरिएंट XBB परिवार से जुड़ा है। भारत में कोरोना वायरस के मामलों में हालिया वृद्धि के लिए भी XBB.1.16 या XBB.1.5 ये दो वेरिएंट जिम्मेदार हो सकते हैं। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों की असली वजह जानने के लिए कुछ और सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग करनी होगी। इससे पहले कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
विशेषज्ञों की माने तो सिंगापुर, ब्रुनेई और अमेरिका में मिले एक्सबीबी.1.16 वेरिएंट के ज्यादातर मामले भारतीय पर्यटकों के जरिए फैले हैं। ऐसे में भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए एक ही वैरिएंट जिम्मेदार हो सकता है। ऐसे में विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि इस वेरिएंट का निर्माण भारत में ही किया गया है। उन्होंने कहा कि यह वैरिएंट इस समय दुनिया भर में फैल रहे कोरोना वायरस के दूसरे वैरिएंट को मात देगा। विशेषज्ञों ने कहा कि XBB.1.16 वैरिएंट के बारे में कुछ वैश्विक चिंता है क्योंकि इसके कुछ म्यूटेशन हैं। WHO के वैक्सीन सेफ्टी नेट के सदस्य डॉक्टर विपिन एम वशिष्ठ का कहना है पिछला XBB.1 वंश, XBB.1.5, भारत को छोड़कर दुनिया भर में प्रभावी हो गया था। लेकिन विश्व स्तर पर XBB.1.16 के बारे में कुछ फिक्र है। क्योंकि इसमें वायरस के गैर-स्पाइक क्षेत्र में कुछ म्यूटेशन हैं। यानी दो ORF9b म्यूटेशन। ORF9b को कुशलता से प्रतिरक्षा तंत्र में सेंध लगाते देखा गया है। भारत के राष्ट्रीय कोविड-19 टास्क फ़ोर्स के सदस्य और संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय पुजारी का कहना है XBB.1.16 वैरिएंट के दूसरे ओमिक्रॉन उप-वंशों के मुकाबले इसके प्रतिरक्षा से बचाव के गुणों और गंभीर बीमारी पैदा करने की क्षमता पर फिलहाल अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।