राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनावी मौसम में एक बार फिर बीजेपी बनाम कांग्रेस की सियासी लड़ाई शुरू हो गई है। सियासी पारा इतना हाई है कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पार्टी के लिए एक मेगा रैली को संबोधित करने पहुंचे हैं। वे राजस्थान के भीलवाड़ा आ रहे हैं। अब भीलवाड़ा आने का एक बड़ा कारण ये है कि वहां पर गुर्जर समाज अच्छी उपस्थिति में रहता है। उस क्षेत्र में उसका निर्णायक वोट है। पिछले विधानसभा चुनाव में इस इलाके में बीजेपी का प्रदर्शन लचर रहा था। ऐसे में पीएम वहां पर सियासी पिच को मजबूत करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवनारायण जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल
राजस्थान में चुनावी साल शुरू होने के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवनारायण जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शनिवार को राजस्थान के आसींद भीलवाड़ा आए हैं। तो वहीं पीएम मोदी के इस दौरे से पहले ही गुर्जर वोटों को साधने के लिए कांग्रेस की गहलोत सरकार ने देवनारायण जयंती पर अवकाश घोषित कर दिया है।
देवनारायण जयंती पर अवकाश की घोषणा गहलोत सरकार का ऐतिहासिक फैसला
राजस्थान देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष और विधायक जोगिंदर सिंह अवाना का कहना है देवनारायण जयंती के मौके पर अवकाश की घोषणा करना सरकार का ऐतिहासिक फैसला है। इसका राजस्थान के गुर्जरों को लंबे वक्त से इंतजार था। उन्होंने कहा सिर्फ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही हैं, जो एमबीसी और गुर्जर समुदाय की हर मांग को पूरा करने के लिए हमेशा सकारात्मक रहते हैं। सीएम गहलोत के कार्यकाल में कभी भी राजस्थान में गुर्जरों पर बल प्रयोग नहीं किया गया।
बीजेपी सरकार में 73 गुर्जरों की हत्या का आरोप
राजस्थान देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष और विधायक जोगिंदर सिंह अवाना ने आरोप लगाया कि राजस्थान में बीजेपी सरकार के वक्त 73 गुर्जरों की हत्या हो चुकी हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान दौरे से गुर्जर समुदाय और एमबीसी वर्ग पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। बीजेपी ने राजस्थान के गुर्जरों के लिए कभी कोई काम नहीं किया। सिर्फ उन पर लाठियां और गोलियां बरसाई हैं। जिन्हें गुर्जर समुदाय कभी नहीं भुला सकता है।
पायलट गुट के साथ राजस्थान के गुर्जर
बता दें राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शह-मात का खेल जारी है। ऐसे में कई बार गुर्जर समाज पायलट के समर्थन में उतर चुका है। पिछले दिनों महापंचायत भी बुलाई गई थी। राजस्थान में सचिन पायलट को गुर्जर समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है। प्रदेश में करीब 6 फीसदी गुर्जर समुदाय की आबादी है और 2018 में आठ विधायक गुर्जर समुदाय से चुनकर आए थे। इनमें सात कांग्रेस और एक बसपा से जीत दर्ज की थी जबकि बीजेपी से कोई भी नहीं जीत सका था। हालांकि, बसपा से जीत दर्ज करने वाले जोगिंदर आवाना बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए।
राज्य 7 फीसदी गुर्जर मतदाता
राजस्थान में 7% गुर्जर वोटर हैं। इनका प्रदेश के 14 जिलों की विधानसभा सीटों पर सीधा दखल है। इसलिए विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही राजनीतिक दल गुर्जर वोट बैंक को साधने के लिए देवनारायण जयंती को भुनाने में जुटे हैं। ऐसे में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में गुर्जर समाज के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। वहीं अशोक गहलोत प्रदेश स्तर पर नाराज गुर्जरों को मनाने के लिए अवकाश की घोषणा कर रहे हैं।