मध्यप्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना हैं। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस ने लोक लुभावन वादे करना शुरु कर दिए हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ लगातार नए वादे और दावे कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस की नजर प्रदेश की आधी आबादी यानी महिला मतदाताओं पर है। चुनाव से पहले जारी किये जाने वाले घोषणा पत्र पर कांग्रेस ने काम करना शुरु कर दिया है। इस बीच कांग्रेस वचन पत्र समिति ने महिलाओं के लिए अलग घोषणा पत्र जारी करने का ऐलान किया है। जिसका नाम प्रियदर्शिनी होगा। बता दें पं.जवाहरलाल नेहरु इंदिरा गांधी को प्रियदर्शिनी के नाम से बुलाते थे। यानी अब कांग्रेस इंदिरा जी के नाम पर महिलाओं के वोट हासिल करने की तैयारी कर रही है।
- विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस
- महिलाओं को साधने के लिए कांग्रेस की खास रणनीति
- महिलाओं के लिए जारी होगा अलग से घोषणा पत्र
- हर जिले का लिए अलग होगा कांग्रेस का घोषणा पत्र
- 5 करोड़ 39 लाख 85 हजार 876 हैं मतदाता
- 41 जिलों में बढ़ी महिला मतदाओं की संख्या
प्रियदर्शिनी के नाम से मप्र में महिला के लिए अलग से वचन पत्र बनाने जा रही कांग्रेस को दरअसल प्रदेश में महिला मतदाताओं की बढ़ती संख्या आकृषित कर रही है। यही वजह है कि पार्टी उनके लिए खास रणनीति बना रही है। कांग्रेस हर जिले के लिए अलग घोषणा पत्र जारी का पहले ही ऐलान कर चुकी है। दरअसल विधानसभा चुनाव में महिलाओं के लिए कांग्रेस खास रणनीति बना रही है। पार्टी की प्रदेश इकाई चुनाव में महिलाओं के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी करने की तैयारी में जुटी है। मप्र में कुल मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 39 लाख 85 हजार 876 हैं। हाल में हुए वोटर लिस्ट अपडेशन में 13 लाख 39 हजार नए मतदाताओं के नाम जुड़े हैं। खास बात ये है कि इसमें पुरुष के मुकाबले महिला वोटर ज्यादा हैं। प्रदेश के 41 जिलों में महिलाओं का आंकड़ा पुरुषों से ज्यादा है। कांग्रेस की नजर इसी वोट बैंक पर है। पार्टी के पदाधिकारियों पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में ‘प्रियदर्शिनी’ नामक इस घोषणा पत्र को जारी करने का फैसला किया गया।
प्रियदर्शिनी होगा नाम
घोषणा पत्र सलाहकार समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रियदर्शिनी महिलाओं के लिए एक घोषणा पत्र होगा। जबकि एक आम घोषणा पत्र भी होगा। समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित घोषणा पत्र को लेकर जानकारी एकत्र करने के लिए 10 उप समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि एक महीने बाद उप समितियों की बैठक होगी।
मतदान करने में भी पीछे नहीं महिलाएं
बता दें मध्य प्रदेश में साल 2005 के बाद से लगातार महिला वोटरों का प्रतिशत बढ़ा है। साल 2004 में पुरुष मतदाताओं का वोट प्रतिशत 78.84 प्रतिशन और महिला मतदाताओं का वोट प्रतिशत 74.58 प्रतिशत था। वहीं, 2009 में 81.7 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया जबकि महिलाओं का प्रतिशत 79.21 प्रतिशत रहा। 2014-15 में भी 83.59 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने वोटिंग की थी। महिलाएं भी उनसे ज्यादा पीछे नहीं थीं। महिला मतदाताओं का वोट प्रतिशत 83.17 प्रतिशत था।
41 जिलों में महिलाओं का आंकड़ा ज्यादा
प्रदेश के 52 में से 41 जिले ऐसे हैं, जहां महिला वोटरों के नाम ज्यादा जुड़े हैं। महिला वोटरों का आंकड़ा 7.07 लाख बढ़ा है, जबकि 6.32 लाख पुरुष मतदाता बढ़े हैं। बता दें प्रदेश में कुल 18 लाख 82 हजार 701 नाम जोड़े गए हैं। जबकि 5 लाख 68 हजार नाम हटाए गए हैं। इस तरह 13 लाख 39 हजार नाम बढ़ गए हैं। नवंबर से पहले 5 करोड़ 26 लाख संख्या थी, जो अब 5 करोड़ 37 लाख 85 हजार 876 हो गई है। आंकड़े में 2.54 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
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