बिहार में पेट्रोलियम का भंडार! खोज के लिए सरकार ने दी मंजूरी
नई दिल्ली- भारत देश पेट्रोल और डीजल के लिए खाड़ी देशों पर निर्भर है, लेकिन आने वाले समय में इन देशों पर निर्भरता कम हो सकती है. दरअसल, बिहार में सोने की खान के बाद अब पेट्रोलियम भंडार मिलने की बात सामने आई है. बिहार के बक्सर और समस्तीपुर में पेट्रोलियम भंडार होने की उम्मीद जगी है. इतना ही नहीं अब प्रदेश में पेट्रोलियम भंडार की खोज के लिए बिहार सरकार की तरफ से मंजूरी भी मिल गई है.
तेल खोजने की मिली स्वीकृति
बक्सर और समस्तीपुर जिले में तेल के बड़े भंडार होने का पता चला है. तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनसीजी) की माने तो समस्तीपुर जिले के 308 किलोमीटर और बक्सर के 52.13 वर्ग क्षेत्र में पेट्रोलियम पदार्थ मिलने के संकेत मिल रहे हैं. तेल की खोज के लिए बिहार सरकार ने ओएनसीजी को स्वीकृति प्रदान कर दी है. भारत सरकार ने भी एक प्रस्ताव भेजा था. ऐसे में अगर बिहार में पेट्रोलियम भंडार को खोजने में कामयाबी मिल गई तो देश काफी हद तक पेट्रोल के लिए अरब देशों पर निर्भरता खत्म कर सकता है.
जिला प्रशासन को मिला पत्र
ओएनसीजी ने बिहार के खान और भूतत्व विभाग से पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन (अन्वेषण) के लिए लाइसेंस का आवेदन दिया है. बिहार सरकार ने तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) के आवेदन को मंजूरी दे दी है. बक्सर जिला प्रशासन को इस संदर्भ में एक पत्र आया है. जिलाधिकारी ने बताया कि इस आशय का पत्र जिला प्रशासन को प्राप्त हुआ है कि गंगा बेसिन में पेट्रोलियम पदार्थ हो सकतें हैं. ओएनजीसी का यह अनुमान है कि बक्सर 52.13 किमी और समस्तीपुर में तेल के बड़े भंडार हो सकते हैं. डीएम ने कहा कि बहुत जल्दी ही ओएनजीसी के साथ मिलकर स्थल निरीक्षण का कार्य किया जाएगा.
आधुनिक तकनीक से होगी खोज- गृह राज्यमंत्री
समस्तीपुर सांसद और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय का इस बारे में कहना है कि, भारत सरकार के उपक्रम तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड को समस्तीपुर के गंगा बेसिन में पेट्रोलियम पदार्थों के खोज के लिए सोमवार को बिहार सरकार ने स्वीकृति दे दी है. अनुमान है कि पेट्रोलियम का भंडार मिलेगा. समस्तीपुर में 308 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में तेल की खोज अत्याधुनिक तकनीक से की जाएगी. अगर सर्वे में सकारात्मक परिणाम आये, तो खुदाई का काम शुरू किया जायेगा. उन्होंने आगे बताया कि, समस्तीपुर जिले से गुजरने वाली गंगा बेसिन में तल का भंडार होने का पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था.