पंजाब की संगरुर, उत्तर प्रदेश की रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट के साथ ही त्रिपुरा की चार, आंध्रप्रदेश, झारखंड और दिल्ली की एक-एक विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना जारी है। सुबह आठ बजे से मतों की गिनती की जा रही है। यहां उपचुनाव के लिए 23 जून को मतदान हुआ था। लोकसभा की ये तीनों सीटें मार्च—अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद रिक्त हुईं थीं। आजमगढ़ से सांसद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इस सीट को छोड़ दिया था। इस उपचुनाव में उत्तरप्रदेश की आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट के नतीजों पर सभी की नजर लगी हुई है। यहां से आजमगढ़ में बीजेपी के निरहुआ और सपा के धर्मंद्र यादव के साथ बसपा के गुड्डू जमाली मैदान में हैं तो रामपुर में समाजवादी पार्टी के आसिम रजा और बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम लोधी की बीच टक्कर है।
क्या निरहुआ को अपनाएंगे मतदाता?
यादव और मुस्लिम बहुल आजमगढ़ सीट समाजवादी परिवार का गढ़ मानी जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में यूपी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी फिर से सत्ता पर काबिज हुई है। इस लिहाज से इन उप चुनावों में सियासत की जंग भी देखने को मिली। ऐसे में सपा अपने गढ़ को बचाने में कामयाब होती है या बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ इस बार जीत का स्वाद चखेंगे, तस्वीर दोपहर बाद साफ हो जाएगी।
मुलायम भी रह चुके हैं यहां से सांसद
बता दें आजमगढ़ यूपी का महत्वपूर्ण जिला है। जो तमसा नदी के तट पर बसा है। आजमगढ़ गंगा और घाघरा नदी के बीच बसा है। सियासी तौर पर देखें तो इस क्षेत्र की चर्चा अक्सर देश भर में सुर्खियां बटोरती हैं।यहां से सपा सुप्रीमो रहे मुलायम सिंह यादव सांसद रहे हैं। अखिलेश यादव भी संसद का का सफर इस सीट से तय कर चुके हैं। मुलाय म सिंह के साथ ही रमाकांत यादव भी यहां से सांसद रह चुके हैं। यानी अधिकांश इस सीट पर यादव परिवार का कब्जा रहा। हाल ही में उन्होंने विणानसभा चुनाव जीतने के बाद आजमगढ़ सांसद की सीट छोड़ी है। जिसके चलते अब यहां उप चुनाव हो रहे हैं। वहीं आजमगढ़ विधानसभा सीट की बात करें तो लंबे समय तक इस सीट पर समाजवादियों का कब्जा रहा। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव मे सपा को हार का सामना करना पड़ा था लेकिन विधानसभा चुनाव में क्षेत्र की सभी दस सीटों पर हार के गम को भूलते हुए सपा ने लोकसभा उपचुनाव में कड़ी टक्कर दी। ऐसे में बीजेपी के लिए समाजवादी परिवार का गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़ से जीत दर्ज करना आसान नहीं है।