गुजरात में चुनावी शंखनाद और सियासी बिसात दोनों ही तैयार है। कांग्रेस, बीजेपी और आप तीनों के साथ साथ ए आई एम आई एम भी मैदान में है। गुजरात के इन चुनावों में मज़ेदार बात ये है कि सियासी लड़ाई अब रिश्तों पर बन आई है। भाई-भाई के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है , बाप और बेटे आमने सामने हैं तो कहीं ननद- भौजाई का पारिवारिक झगड़ा सियासी मैदान में भी देखने को मिल रहा है। आइए बताते हैं आपको कुछ सीटों की दिलचस्प कहानी जहां सियासी लड़ाई रिश्तों पर बन आई है।
बाप-बेटे के बीच सीधा मुकाबला
सूरत जिले की झगड़िया सीट पर मुख्य मुकाबला छोटू वसावा और उनके बेटे महेश वसावा के बीच में है। इस सीट पर छोटू वसावा भारतीय ट्राइबल पार्टी के उम्मीदवार है तो वही उनके बेटे महेश वसावा जनता दल यूनाइटेड से मैदान में है। हांलाकि इस सीट पर लंबे समय से छोटू वसावा विधायक है ,छोटू आदिवासियों के बड़े नेता माने जाते हैं।इस बार इस सीट पर बाप-बेटे के बीच मुकाबला है।
भाई-भाई के बीच सियासी लड़ाई
भाई-भाई के बीच सियासी लड़ाई हो रही है भरूच जिले की अंकलेश्वर सीट पर। इस सीट पर बीजेपी ने ईश्वर सिंह पटेल को टिकट दिया है । प्रत्याशी ईश्वर सिंह पटेल सीटिंग विधायक हैं। कांग्रेस ने इस सीट से ईश्वर सिंह के भाई को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने पटेल परिवार से ही ईश्वर सिंह के छोटे भाई विजय पटेल को टिकट दे दिया। वैसे अंकलेश्वर सीट बीजेपी के लिए सेफ सीट मानी जाती है लेकिन अब सगे भाईयों के आमने सामने होने के बाद इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
ननद-भाभी आमने सामने
जामनगर उत्तर सीट पर लड़ाई भारतीय क्रिकेटर रवीन्द्र जडेजा की बहन और पत्नी के बीच है। बीजेपी ने जडेजा की पत्नी रिवाबा सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है। रिवाबा बीजेपी की सक्रिय कार्यकर्ता है और कुछ साल पहले उन्होनें बीजेपी ज्वाइन की है। इससे पहले वो करनी सेना से जुड़ी रहीं।
रिवाबा को टिकट मिलते ही उनकी ननद और रवीन्द्र जडेजा की बहन नैना ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ननद नैना अपनी भाभी रिवाबा की हार के लिए मैदान में डटीं है। ननद नैना का मानना है कि उनकी भाभी रिवाबा को कोई राजनैतिक अनुभव नहीं है इसलिए उनका हारना जरूरी है।
इस सीट पर ननद भाभी के सीधे मुकाबले में दिखाई दे रहीं है। सेलीब्रेटी सीट होने के चलते भी सभी की नजरें इस पर टिकीं है।