जीतू पटवारी ने सिंधिया पर पलटवार करते हुए कहा राजशाही के अंतिम संस्कार के बाद अब लोकशाही का दौर है। सोशल मीडिया पर जीतू पटवारी ने लिखा है कि राजस्थान की एक चर्चित लोकोक्ति है।
“राणाजी केहवे वठैई रेवाड़ी।
इसका मतलब होता है ‘समर्थ और समृद्ध व्यक्ति की उचित या अनुचित बात को हर जगह प्रधानता मिलती है। पटवारी ने लिखा कि लेकिन यह अब पुरानी किताबों में दर्ज उस दौर की दास्तां है। जब राजे-रजवाड़े हुआ करते “थे”।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को रिट्वीट करते हुए लिखा हमारे सिंधिया जी जब भी उस दौर में दाखिल होते हैं, पुराना दर्द उभर आता है। वे दरअसल भूल जाते हैं कि राजशाही के अंतिम संस्कार के बाद अब देश में लोकशाही का दौर है।
‘भगौड़े राजाजी’ जितनी जल्दी समझ जाएंगे ‘संतुलित’ हो जाएंगे
जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि लोकतंत्र में सिर्फ जनता ही राजा है। उन्होंने सिंधिया का नाम लिये बगैर कहा … ‘भगौड़े राजाजी’ जितनी जल्दी समझ जाएंगे। ‘संतुलित’ हो जाएंगे। जीतू पटवारी यहीं नहीं रुके उन्होंने लिखा कि वैसे भी मध्यप्रदेश की जनता एक कथित ‘महाराज’ को “महा-राज़” बना चुकी है।
पहले इतिहास को पढ़ लें राहुल गांधी-सिंधिया
बता दें राहुल गांधी के राजा महाराजाओं को लेकर दिये भाषण पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा है कि यह भूल गये हैं कि बड़ौदा महाराज सयाजीराव गायकवाड़ ने संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को शिक्षा हासिल करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई थी। यह भूल गये कि छत्रपति साहूजी महाराज ने 1902 में पहली बार देश के बहुजनों को अपने शासन व्यवस्था में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की बुनियाद को रखा था। यह भूल गये कि ओबीसी को शैक्षणिक रूप से मजबूत बनाने के लिए ग्वालियर के माधव महाराज प्रथम की ओर से पूरे ग्वालियर और चंबल में शिक्षा के साथ रोजगार के केंद्र खुलवाये थे।
सिंधिया ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि तानाशाही विचारधारा को जन्म देने वाली कांग्रेस थी। जिन्होंने दलित, वंचित और ओबीसी के अधिकारों पर कुठाराघात करने का काम किया था। राहुल गांधी, पहले इतिहास पढ़ लें फिर बयानबाजी करें।