महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को समाप्त हो चुका है लेकिन अब तक नई सरकार का गठन नहीं हो सका। बहुमत हासिल करने वाले महायुति गठबंधन में अब तक मुख्यमंत्री के नाम पर एकराय नहीं बन सकी है। हालांकि महाराष्ट्र का सीएम कौन होगा इसे लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर गुरुवार देर रात तक महायुति के नेताओं की बैठक चली। करीब ढाई घंटे तक चली बैठक में मंत्रिमंडल बंटवारे को लेकर भी तीनों दलों के बीच चर्चा हुई है।
- महाराष्ट्र CM पर शाह के घर चर्चा
- मीटिंग में मंत्रिमंडल बंटवारे पर भी हुई चर्चा
- अब मुंबई में मीटिंग के बाद नाम होगा तय
- मराठा नेताओं पर भी विचार कर रही BJP
- आज तय हो सकता है सीएम के नाम का ऐलान
- महायुति की होगी एक और महाबैठक
वहीं राज्य के कार्यकारी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा महायुति की बैठक सकारात्मक रही है। उन्होंने अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ चर्चा की। शाह के निवास पर हुई यह पहली बैठक थी। महायुति की एक और बैठक अब मुंबई में होने वाली है। जिसमें CM पर फैसला लिया जाएगा।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि भाजपा के दो केन्द्रीय ऑब्जर्वर भी रविवार 1 दिसंबर 2024 को मुंबई आने वाले हैं। केन्द्रीय ऑब्जर्वर यहां होने वाली विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे। वहीं मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा। हालांकि बीजेपी का वरिष्ठ नेतृत्व फडणवीस के साथ मराठा नेताओं के नाम पर भी विचार कर रहा है।
बता दें गुरुवार देर रात को हुई बैठक के बाद अजित पवार और फडणवीस मुंबई के लिए रवाना हो गए थे। जबकि एकनाथ शिंदे दिल्ली में अपने बेटे श्रीकांत शिंदे के निवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने पार्टी सांसदों के साथ अहम बैठक की। इसके बैठक के बाद देर रात शिंदे भी मुंबई लौट गए।
बता दें महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में इसबार महायुति को महाबंपर सीट मिलीं हैं। चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अब कौन होगा सीएम इस लेकर महायुति गठबंधन माथापच्ची चल रही है। महाराष्ट्र भाजपा नेता फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की मांग पर अड़े है तो वहीं शिंदे गुट के विधायकों की और से भी एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने की मांग की जा रही है। अब शिवसेना के कई नेताओं ने इसे लेकर बयान दिया। उनका मानना है कि शिंदे को सीएम पद पर बने रहना चाहिए। क्योंकि चुनाव में महायुति को मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व में भारी जीत मिली है। महाराट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जहां 132 सीटों पर कब्जा किया है तो वहीं दूसरी ओर शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को महज 57 सीट पर जीत हासिल हुई जबकि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने राज्य की 41 सीट पर जीत दर्ज की है।
जातीय समीकरण पर भी नजर
महाराष्ट्र में करीब 28 प्रतिशत मराठा है। जबकि 12-12 प्रतिशत दलित और मुस्लिम वर्ग से हैं। तो वहीं 8% आबादी आदिवासी वर्ग की है। जबकि राज्य में सबसे अधिक 38% OBC हैं। ब्राह्मण और दूसरी समुदाय की आबादी 8% के आसपास है। दरअसल महाराष्ट्र में पूरी सियासत मराठा बनाम गैर-मराठा के सियासी समीकरण पर होती रही है। राज्य की करीब 150 विधानसभा सीटों पर मराठा और 100 पर OBC का असर है। पिछली बार 2019 के चुनाव में 288 में से 160 विधायक मराठा समुदाय से चुनकर आए थे। राज्य में अब तक कुल 18 मुख्यमंत्री हुए हैं जिसमें से 10 मराठा समुदाय से रहे। 10 में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का भी नाम शामिल है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)