राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक बार कहा था अपराध से घृणा करो, अपराधी से नहीं। कमोबेश बुलडोजर एक्शन पर भी सुप्रीम कोर्ट की ओर से कुछ इसी वाक्य को ध्यान में रखते हुए रोक लगाई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी बुलडोजर एक्शन को लेकर आदेश कुछ जगहों पर लागू नहीं होगा।
बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि चाहे आरोपी हो या अपराधी, बगैर नोटिस दिए अवैध निर्माण पर किसी तरह का बुलडोजर एक्शन नहीं होगा। कोर्ट की ओर से कहा गया है कि संविधान में अच्छेद 130 के तहत भारत के सभी नागरिक को संपत्ति का अधिकार देता है। किसी के महज अपराधी हो जाने से उसका घर तोड़कर उसके परिवार को घर से वंचित नही किया जा सकता।
- अवैध निर्माण ढहाने की कराई जए कार्यवाही की वीडियोग्राफी
- सार्वजनिक भूमि पर अनधिकृत निर्माण पर आदेश लागू नहीं होगा
- संविधान देता है भारत के सभी नागरिक को संपत्ति का अधिकार
- महज अपराधी हो जाने से नहीं तोड़ा जा सकता उसका घर
- तोड़कर उसके परिवार को घर से वंचित नही किया जा सकता
अब बगैर वैधानिक कार्यवाही पूरी किये कोई भी अधिकारी अवैध निर्माण के खिलाफ भी एक्शन नहीं ले सकेगा। इसके साथ ही यदि अब कोई ऐसा करता है तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय होगी। कोर्ट की ओर से कहा गया है कि बुलडोजर कार्यवाही से पहले पीड़ित पक्ष को सुनवाई के लिए अवसर देना होगा।
साथ ही किसी भी तरह के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए उसे चिन्हित करने के लिए जिले में डीएम की ओर से एक नोडल अधिकारी नियुक्ति करना होगा। इसके साथ् ही तीन माह में डिजिटल पोर्टल भी बनाने के आदेश दिये हैं। अवैध निर्माण के विरुद्ध कार्यवाही करने से पहले संबंधित को डिजिटल पोर्टल पर नोटिस जारी करना होगा। कानून का पालन करवाना कोर्ट का काम है, अधिकारी अपने हाथ में कानून न लें।
बता दें सुप्रीम कोर्ट की ओर से अपराधियों के खिलाफ किये जा रहे हैं बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से अपने फैसले में कहा गया है कि मनमाने तरीके से किसी का भी घर नहीं तोड़ा जा सकता। महज किसी के आरोपी होने के चलते उसका घर नहीं गिरा सकते। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी यह आदेश किसी एक राज्य के लिए नहीं बल्कि देशभर के लिए है। हालांकि कोर्ट कीे ओर से यह भी बताया गया है कि उसका यह फैसला किन जगहों पर लागू नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा उसका निर्देश ऐसी जगहों पर लागू नहीं होगा जो सार्वजनिक भूमि से जुड़े हैं, जहां कोई अनधिकृत निर्माण किया गया । इसके साथ ही वहां भी यह आदेश लागू नहीं होगा जहां न्यायालय की ओर से ध्वस्तीकरण को लेकर आदेश जारी किये गये हैं।
(प्रकाश कुमार पांडेय)