इजरायल की ओर से शनिवार की सुबह ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए हैं। बताया जाता है कि यह कार्रवाई 1 अक्टूबर को इजराइल में हुए एक बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में की गई है। इस हमले में हुए नुकसान की अब तक तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है। इजरायली सेना ने अपने इस ऑपरेशन को ईरान में सैन्य ठिकानों पर सटीक हमला करार दिया है।
- ईरान पर इजराइल का बड़ा हमला
- 100 मिसाइलों से किया हमला
- निशाने पर मिसाइल फैक्ट्रियों-सैन्य अड्डे
- ईरान के 20 ठिकाने तबाह,2 सैनिकों की मौत
- ईरान के सैन्य ठिकानों पर इजरायल का हमला
- हमले का बाइडेन प्रशासन ने किया समर्थन
इजरायली सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ईरान का शासन और उसके प्रॉक्सी क्षेत्र में पिछले दिनों सात अक्टूबर से सात अलग अलग मोर्चों पर इजरायल पर निरंतर हमले कर रहा है। इन हमलों में ईरानी भूमि से सीधे हमले भी शामिल हैं। वहीं इसराइल की ओर से कहा गया है कि दुनिया के दूसरे सभी संप्रभु देशों की ही तरह उसे भी प्रतिक्रिया देने का अधिकार है।
हालांकि इजराइल की ओर से ईरान के हमलों का जवाब देने के लिए 25 दिन बाद शनिवार तड़के जोरदार पलटवार किया। जानकारी के अनुसार तीन घंटे में करीब 20 ठिकानों पर लगातार हमले किए गए। इनमें ईरान की मिसाइल फैक्ट्री के साथ दूसरे सैन्य अड्डे शामिल हैं। तेहरान स्थित इमाम खुमैनी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के करीब भी हमला हुआ है।
यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल की ओर से ईरान पर हमला करने के लिए 100 से अधिक फाइटर जेट्स का उपयोग किया गया। इस हमले में F-35 का भी उपयोग किया गया है। सीरिया में रडार ठिकानों पर इजराइल की ओर से शुरूआती हमले किये गये। इसके बाद ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम के साथ रडार पर हमला किया गया है। इजराइल डिफेंस फोर्स की ओर से रात करीब 2.30 बजे इसकी जानकारी दी गई। IDF प्रवक्ता डेनियल हगारी ने बताया
इजराइल को अपनी रक्षा करने का हक—अमेरिका
ईरान पर किये गये इजराइल हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति प्रशासन की ओर से बयान जारी किया गया हुआ है। इस बयान में कहा है कि इजराइल को अपनी रक्षा करने का पूरा हक है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ईरान पर न्यूक्लियर साइट्स के साथ तेल भंडारों को निशाना बनाने का समर्थन नहीं करने वाला है। क्योंकि तेल भंडारों पर हमले से मिडिल ईस्ट में संघर्ष और बढ़ सकता है।बता दें अमेरिका ने इससे पहले भी इजराइल को ईरान के तेल के ठीकानों पर हमले न करने की सलाह दी थी। हालांकि शनिवार को किये गये हमलों के बाद इजराइल की ओर से कहा गया है कि उसने सिर्फ ईरान के सैन्य ठिकानों पर ही हमला किया है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)