जानें बांग्लादेश की मदद के पीछे क्या है अमेरिका के इरादे..? रुस और अडानी ग्रुप ने क्यों मांगे अपने पैसे…
अमेरिका ने बांग्लादेश को 1700 करोड़ रुपए की मदद देने का ऐलान किया है। वहीं इसके विपरित रूस ने चिट्ठी लिख कर 1.06 लाख करोड़ के कर्ज का 4 प्रतिशत ब्याज जमा करने की दे दी है डेड लाइन। तय तारीख तक ब्याज जमा न करने पर रूस 6.4% ब्याज वसूलेगा। वहीं अदानी ग्रुप ने मांगी है अपनी बकाया बिल की 6700 करोड़ की रकम तो बांग्लादेश के खस्ता हालत में रूस और अदानी ग्रुप क्यों बने हैं इतने बेरहम। क्या इन दोनो की है आर्थिक मजबूरी या बना रहे है किसी बात के लिए दबाव इस पर भी करेंगे चर्चा
अमेरिका की मदद के पीछे क्या है राज…?
अमेरिका कर रहा 1700 करोड़ की मदद
कर्ज का ब्याज नहीं चुका पा रहा देश
US डेलिगेशन से मिले मोहम्मद यूनुस
बांग्लादेश के लिए अमेरिका ने खोला खजाना
बांग्लादेश पहुंचा अमेरिकी डेलीगेशन
1700 करोड़ मदद का किया एलान
इस मदद के पीछे क्या है अमेरिकी खेला
बांग्लादेश के सेंट मार्टिन आइलैंड पर अमेरिका की नजर
बांग्लादेश पर रूसी कर्ज!
1.06 लाख रुपए का रूस का कर्ज
न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए दिए कर्ज
बांग्लादेश ने 4%ब्याज पर लिए कर्ज
ब्याज भरने की 15सितंबर की थी डेडलाइन
ब्याज की रकम है 5,300 करोड़ रुपए
तय तिथि के बाद रूस वसूलेगा 6.4% ब्याज
बांग्लादेश पर अडानी पवार का बकाया!
अडानी ग्रुप में मांगा बकाया बिजली बिल
बकाया है 6,700 करोड़ रुपए
अंतरिम सरकार पर देनदारी चुकाने की जिम्मेदारी
मोहम्मद यूनुस है अंतरिम सरकार के मुखिया
तख्तापलट में माहिर डोनाल्ड लू हुए शामिल
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पहली बार किसी अमेरिकी डेलीगेशन ने ढाका का दौरा किया है। इस डेलीगेशन में अमेरिकी विदेश विभाग के साउथ एंड मिडिल एशिया ब्यूरो के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू भी शामिल हुए जो साथ एशिया में तख्ता पलट के लिए जाने जाते हैं। ढाका में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने इस डेलीगेशन के साथ मीटिंग की। मीटिंग के दौरान यूनुस ने बांग्लादेश के हालातों को पटरी पर लाने, देश में रिफॉर्म करने और चुराई गई संपत्तियों की वापसी के लिए अमेरिका से मदद मांगी। यूनुस ने अंतरिम सरकार के सामने आ रही चुनौतियों को भी अमेरिकी डेलीगेशन के सामने रखा। साथ ही अंतरिम सरकार द्वारा किए जा रहे कामों को भी गिनाया।
इस मदद के लिए बांग्लादेश के वित्त मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी ए.के.एम शहाबुद्दीन और अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास संस्था USAID के डायरेक्टर रीड जे. एश्लीमन ने ढाका में एग्रीमेंट पर साइन किए। इस दौरान बांग्लादेश और अमेरिका के बीच हुए “डेवलपमेंट ऑब्जेक्टिव ग्रांट एग्रीमेंट DOAG में 6वां संशोधन किया गया। बांग्लादेश के वित्त मंत्रालय का दावा है कि इस मदद का इस्तेमाल युवाओं के कल्याण, स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने और व्यापार के अवसर बढ़ाने में किया जाएगा।
USAID के बांग्लादेश मिशन समझौते की जानकारी एक्स पर पोस्ट कर दी। USAID ये पैसा अमेरिका के कृषि विभाग, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों की मदद से देता है। USAID के अनुसार इसका उद्देश्य सुशासन, सामाजिक विकास के साथ आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देना है।
इसमें कोई दो राय नहीं बांग्लादेश को मदद की जरूरत है। लेकिन ऐसा भी नहीं की अमेरिका यह मदद बंगलादेश के ताजा हालातों को देख कर कर रहा है। दरअसल बांग्लादेश और अमेरिका के बीच 27 सितंबर 2021 को DOAG पर हस्ताक्षर हुए थे। इस एग्रीमेंट के तहत अमेरिका 2021 से 2026 तक बांग्लादेश को कुल 8 हजार करोड़ देगा। अब तक अमेरिका बांग्लादेश को 3565 करोड़ रुपए दे चुका है। इस समय 1700 करोड़ की मदद कर रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है की जब रूस अपने ब्याज मांग रहा है। अदानी ग्रुप बकाया बिजली का बिल मांग रहा है। ऐसे में अमेरिका बांग्लादेश की मदद क्यों कर रहा है। इस मदद के पीछ कुछ सवाल खड़े हो रहे हैं आइए इन सवालों पर नज़र डालते हैं।
सबसे बड़ा सवाल?
क्या अमेरिका बांग्लादेश इस समय मदद कर हमदर्दी हासिल करना चाहता है? रूस और भारत को बांग्लादेश से किनारे कर अपना प्रभुत्व जमाना चाहता है। क्या अमेरिका के इस हमदर्दी के पीछे सेंट मार्टिन आइलैंड तो नहीं। जिसके लिए अमेरिका पर तख्ता पलट कराने का आरोप है। अमेरिकी डेलीगेशन में डोनाल्ड लू का आना आखिर क्या संकेत देता है। क्या तख्ता पलट के पीछे की अमेरिका का होना जैसा संदेश को बाल मिलता है।