चुनाव आयोग ने हिमाचल में चुनावों का ऐलान कर दिया है। हिमाचल में एक चरण में चुनाव होंगे। 12 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। इस आर्टिकल में जानें कि इस बार हिमाचल चुनाव की तस्वीर कैसी होगी…
वर्तमान में बीजेपी की सरकार
हिमाचल में फिलहाल सरकार बीजेपी की है और जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री हैं। हिमाचल में कुल 68 विधानसभा की सीटें है। बात करें पिछले चुनाव की तो 2017 में बीजेपी ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस के खाते में 21 सीटें आई थीं।
फिलहाल ऐसे हैं समीकरण
हिमाचल में कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों में इस बार कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। बीजेपी ने पिछले चुनाव में भले ही 44 सीटें हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की हो लेकिन राज्य के तीन उपचुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ा। उपचुनावों के बाद बीजेपी के पास अब 43 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 22 और दो निर्दलीय विधायक बीजेपी के साथ हैं। यहां से केवल एक सीट सीपीआईएम के पास है।
देखने मिलेगा टक्कर का मुकाबला
इस चुनाव में सीधी टक्कर बीजेपी और कांग्रेस के ही बीच है। हिमाचल में दोनों ही दलों की सरकार रही है। कांग्रेस के वीरभद्र सिंह की अगुवाई में हिमाचल में लंबे समय तक सरकार रही। कांग्रेस का पलड़ा इसलिए भी भारी लगता है क्योंकि राज्य में भाजपा सरकार होने के बावजूद उसने उपचुनाव व मंडी लोकसभा में जीत हासिल की।
कौना होगा सीएम पद का चेहरा?
कांग्रेस से हिमाचल में सीएम पद का चेहरा कौन होगा इसे लेकर फिलहाल कयास ही लगाए जा सकते हैं। बात करें बीजेपी की तो बीजेपी मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम सिंह ठाकुर की अगुवाई में ही चुनावी मैदान में होगी। लेकिन जयराम ठाकुर के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी ताकत यहां झोंकेंगे। यहां बीजेपी की सरकार पहले से ही है इसलिए सीएम पद के लिए किसी तरह का विवाद नहीं है। ऐसा भी माना जा रहा है कि अगर बीजेपी वापस सत्ता में आती है तो मुख्यमंत्री के चेहरे को बदला जा सकता है। उस वक्त की स्थिति में बीजेपी में कुछ और चेहरे मुख्यमंत्री के रेस में शामिल हो सकते है जिनमें सबसे पहला नाम केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का होगा।
वीरभद्र सिंह की पत्नी हो सकती हैं चुनावी मैदान में
अगर बात करें कांग्रेस की तो कांग्रेस के लिए चेहरे के नाम पर फिलहाल केवल वीरभद्र सिंह की पत्नी का चेहरा है। कांग्रेस उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के चहेरे पर चुनावी मैदान में उतर सकती है। वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे और उनके पूरे परिवार का हिमाचल में खासा दबदबा है। यही वजह है कि कांग्रेस उनकी पत्नी पर ही दांव खेल रही है।
हिमाचल चुनाव के मुद्दे
जहां तक चुनावी मुद्दों की बात है तो चुनावी मुद्दों में किसान और किसानों की बढ़ती आत्महत्या और स्थानीय स्तर के मुद्दे चुनाव पर हावी होंगे। कांग्रेस किसानों की आत्महत्या को बढ़ाचढ़ाकर जनता के बीच ले जाएगी, कांग्रेस के मुताबिक सरकार व्यापारियों का कर्ज माफ कर रही है और आम जनता और किसानों से वसूल रही है। वहीं बीजेपी लगातार विकास के मुद्दों को समाने लाना चाह रही है।
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