मशहूर भारतीय गायिका और भारत की कोकिला कही जाने वाली लता मंगेशकर को दुनिया को अलविदा कहे आज 2 साल पुरे हो गए है। आज ही के दिन, 92 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। 3 दशकों से भी ज्यादा सुरो की दुनिया पर राज करने वाली गायिका लता मंगेशकर किसी पहचान की मोहताज नहीं थी। ‘लता दीदी’ कहलाने वाली इस महान गायिका और संगीतकार को भारत के सबसे प्रभावशाली गायकों में से एक माना जाता था।
*मध्यप्रदेश के इंदौर में जन्मी
मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, जो उस समय इंदौर रियासत की राजधानी थी, जो ब्रिटिश भारत में सेंट्रल इंडिया एजेंसी का हिस्सा था। मंगेशकर के पिता, दीनानाथ मंगेशकर, एक प्रसिद्ध मराठी मंच व्यक्तित्व थे जिन्हें मास्टर दीनानाथ के नाम से जाना जाता था। लता मंगेशकर कुल 5 पांच भाई-बहन थे। जिनमे लता सबसे बड़ी थी। उनकी 3 बहने और 1 छोटा भाई है। सभी निपुण गायक और संगीतकार हैं।
*50000 गाने गा चुकी दीदी
लता मंगेशकर ने अपने 3 दशकों से ज्यादा के करियर में 30 से अधिक भाषाओ में 50000 से ज्यादा गाने गए है। उन्होने अपना पहला गाना मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ (कितना हसोगे?) (1942) में गाया था। लता मंगेशकर को सबसे बड़ा ब्रेक फिल्म महल से मिला। 1949 में लता को फ़िल्म “महल” के “आयेगा आनेवाला” गीत से बड़ा ब्रेक मिला। इस गीत को उस समय की सबसे खूबसूरत और चर्चित अभिनेत्री मधुबाला पर फ़िल्माया गया था। यह फ़िल्म अत्यंत सफल रही थी और लता तथा मधुबाला दोनों के लिये बहुत शुभ साबित हुई। इसके बाद लता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
*क्यों पहनती थी हमेशा सफेद साड़ी ?
लता मंगेशकर का साफेद साड़ी के प्रति प्रेम से तो हम सब ही वाकिफ है। लता दीदी हमेशा अलग-अलग रंग की बॉर्डर से बानी सफेद साड़ी में रहती थी। उनकी मधुर, शुद्ध आवाज़ की तरह, जिसने 30 से अधिक भाषाओं में असंख्य गीतों को जीवन दिया, मंगेशकर की शैली, जिसमें मुख्य रूप से सफेद साड़ियाँ शामिल थीं, वे पवित्रता का प्रतीक थीं।
*क्यों नहीं की शादी
लता मंगेशकर, जो जीवन भर अविवाहित रहीं, 2013 के एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि वह शादी और बच्चों से अधिक अपने भीतर आंतरिक खुशी ढूंढना पसंद करती हैं।
*जहर देकर मारने की कोशिश
लता मंगेशकर ने एक बार एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि 1963 में वह बहुत बीमार पड़ गईं और बाद में उन्हें पता चला कि उन्हें कोई जहर दे रहा है। अपने जीवन के ‘भयानक दौर’ को याद करते हुए ‘स्वर कोकिला’ ने तब कहा था, ‘हम मंगेशकर इसके बारे में बात नहीं करते हैं, क्योंकि ये उनकी जिंदगी का सबसे कठिन और भयानक दौर था। इस वजह से उन्हें 3 महीने तक बेड पर रहना पड़ा। शरीर इस कदर कमजोर हो गया था कि वो बेड से उठ भी नहीं पाती थीं साल था।
*करियर का पहला अवार्ड लेने से किया मना
उन्होंने करियर का पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड लेने से मना कर दिया था। उन्हें फिल्म मधुमति के गाने ‘आजा रे परदेसी’ के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगिंग अवॉर्ड मिला था। मगर, उन्होंने यह अवॉर्ड लेने से मना कर दिया। इनकार करने की वजह उन्होंने यह बताई थी कि महिला आकार की ट्रॉफी पर कोई कपड़े नहीं हैं। उनके इस जवाब से सभी लोग दंग रह गए थे। बाद में ये अवॉर्ड उन्हें ढंक कर दिया गया था।
*जीते कई अवार्ड्स
कोई ऐसा सम्मान नहीं था जो लता दीदी को ना मिला हो। उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 3 नेशनल अवॉर्ड भी जीते और 4 फिल्मफेयर अवॉर्ड भी अपने नाम किए थे।