आज साल का सबसे खास दिन है क्योंकि आज शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा और कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन श्रीकृष्ण ने गोपियों संग महारास रचाया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि इस रात में देवी लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। शरद पूर्णिमा तिथि मनोकामना पूर्ण करने वाली मानी जाती है। इतना ही नहीं, इस वर्ष शरद पूर्णिमा पर खास योग भी बन रहा है।
इस वजह से प्राप्त होंगे शुभ फल
इस वर्ष शरद पूर्णिमा उत्तराभाद्रपद तथा आगे रेवती नक्षत्र के रविवार को पड़ रही है। इसका तात्पर्य है कि ऐश्वर्यमय योग बनना, इसलिए प्रेम व ऐश्वर्य योगों के शुभफल प्राप्त होंगे। इस दिन दूध, चावल की खीर जिसमें घी, मक्खन और सफेद रंग की मेवाएं डली हो और ‘ऊँ सोम सोमाय नमः’ का जाप अमृत तत्व को शुभता भरा बनाता जाएगा।
इस समय शुरू होगी पूर्णिमा तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 9 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी। ये तिथि अगले दिन 10 अक्टूबर 2022 को सुबह 2 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी। इस साल शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
शुभ मुहूर्त-
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4:40 से 5:29
- अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:45 से दोपहर 12:31
- विजय मुहूर्त- दोपहर 2:05 से 2:51
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 5:46 से 6:10
- अमृत काल- सुबह 11:42 से दोपहर 1:15
- सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 6:18 से दोपहर 4:21