हमास के हमले के बाद इजरायल के जवाबी हमले लगातार जारी हैं। इस बीच गाजा सिटी के एक अस्पताल पर रॉकेट आकर गिरता है। जिससे वहां शरण लेने वाले 500 लोगों की दर्दनाक मौत हो जाती है और सैकड़ों लोग जख्मी हो गए। हमास ने दावा किया मंगलवार देर रात इजरायली सेना ने इस अस्पताल पर रॉकेट से हमला किया था। वहीं इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने अस्पताल पर इजराइली हमले से इनकार किया है। उन्होंने कहा गाजा में IDF ने नहीं बल्कि हमास के आतंकवादियों ने हमला किया है।
- गाजा के अस्पताल में 500 लोगों की मौत
- हमले से इजराइल और हमास दोनों का इनकार
- इजराइली सेना का दावा—हमने नहीं अस्पताल पर हमला
- हमास इजराइल की लड़ाई, कब होगी बंधकों की रिहाई
बता दें हमास की ओर से स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि गाजा सिटी के अल अहली अस्पताल पर इजरायल ने ही हवाई हमला किया है। जिसमें कम से कम 500 लोगों की मौत हो गई। ये हमला उस वक्त अस्पताल में सैकड़ों लोगों ने शरण ले रखी थी। जारी तस्वीरों में अस्पताल के हॉल में आग लगी हुई दिखाई दे रही है जबकि टूटे हुए कांच और क्षत-विक्षत शव यहां वहां पड़े देखे गए।
बढ़ रहा अमेरिका के खिलाफ आक्रोश, लेबनान में दूतावास को लगाई आग
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग का गुबार ने अमेरिका को भी जद में ले लिया है। गाजा पट्टी के अस्पताल पर मिसाइल अटैक में 500 लोगों के मरने की खबर ने लोगों को आक्रोशित कर दिया है। इजरायल का कहना है कि यह उसने नहीं हमला हमास या फिर फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के आतंकियों ने किया है। जबकि अरब देश हमले के पीछ़े इजरायल का हाथ होने का आरोप लगा रहे हैं। यही नहीं अमेरिका के खिलाफ भी लोग भड़क गए हैं। लेबनान में तो अमेरिकी दूतावास को ही हजारों प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया। इन नाराज लोगों ने अमेरिकी दूतावास को आग के हवाले कर दिया है। हालांकि सेना ने आंसू गैस के गोले दागकर किसी तरह लोगों को वहां हटाकर आग पर काबू पाया। इस घटना के बाद लेबनान के अमेरिकी दूतावास पर हजारों की भीड़ जुट गई। हाथों में फिलिस्तीन के झंडे लिये ये लोग अमेरिका-इजरायल के खिलाफ लोग नारे लगा रहे थे। इसी भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने दूतावास को ही आग के हवाले कर दिया। कुछ लोगों ने तो दूतावास में लगे अमेरिकी झंडे भी निकालने की कोशिश की। ये लोग फिलिस्तीन का फ्लैग लगाते देखे गए। वहीं लेबनान में सक्रिय उग्रवादी संगठन हिजबुल्लाह ने भी एक दिन के बंद का आव्हान किया है।
बाइडेन की इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इजराइल पहुंच रहे हैं। बाइडेन का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब हमास लगातार इजराइल पर रॉकेट बरसा रहा है। बता दें से में इजराइल में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के सामने सिर्फ राजनीतिक नहीं इसके साथ ही सिक्योरिटी को लेकर भी बड़ी चुनौती होगी। सुरक्षित रहने के लिए ऐसा भी हो सकता है कि उन्हें भी किसी बंकर में पनाह लेनी पड़ जाए। बता दें इजरायल और हमास में 13 दिनों से युद्ध चल रहा है। इस बीच मंगलवार 17 अक्टबर की शाम गाजा के अस्पताल पर रॉकेट अटैक में पांच सौ लोगों की मौत हो गई। हमला ऐसे समय हुआ जब आज बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायल और मिडिल ईस्ट के दौरे पर पहुंचने वाले थे। अब वे सिर्फ इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से ही मुलाकात करेंगे। दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से होने वाली मुलाकात को रद्द कर दिया है।
युद्ध का भारत की अर्थ व्यवस्था पर असर
इजरायल हमास युद्ध का असर भारत पर भी दिखना लगभग तय माना जा रहा है। युद्ध का असर भारत की अर्थ व्यवस्था ही नहीं आम जनता की जेब पर भी होगा। युद्ध ने दरअसल इजरायल और फिजिस्तीन के साथ कारोबार और आयात-निर्यात प्रभावित किया है। जिससे महंगाई से परेशान आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। क्योंकि दूध सब्जी रोटी और रोजमर्रा की वस्तुओं से लेकर कर्ज और निवेश सबपर विपरीत असर पड़ सकता है। इजराइल-हमास युद्ध का सबसे बड़ा प्रभाव कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ेगा। किमतें बढ़ेंगी तो निश्चित ही मंहगाई भी बढ़ेगी। बता दें भारत कच्चे तेल की अपनी जरूरत का अधिकांश हिस्सा आयात करता है। ऐसे में अगर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होगी तो पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ेंगे और इसका असर अर्थ व्यवस्था पर होगा।