लोकसभा चुनाव की तैयारी के बीच विपक्षी एकता को लेकर 13 महीनों से जारी कवायद अब अपने अंतिम चरण पर पहुंचने वाली है। इस महीने के अंत तक एकता की रणनीति मूर्त रूप ले सकती है। दरअसल 26 अगस्त को मुंबई में विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक होने वाली है। मीटिंग में मोदी सरकार के खिलाफ बनाए गए INDIA स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पहले ही इसका ऐलान कर चुके हैं। यानी इस बैठक में INDIA का संयोजक चुन लिया जाएगा। संयोजक के पास बहुत सी शक्तियां होंगी, वो सर्वोच्च कार्यकारी पद होगा।
- लोकसभा चुनाव की तैयारी में INDIA
- विपक्षी एकता को लेकर की जा रही कवायद
- अंतिम चरण में पहुंची 13 महीनों से जारी कवायद
- 26 अगस्त को मुंबई में होगी इंडिया की अहम बैठक
- बैठक में चुना जाएगा INDIA का संयोजक
- पर्दे के पीछे लालू की ही रहेगी किंगमेकर की भूमिका
हालांकि सियासी जानकार कहते हैं लालू प्रसाद यादव की भूमिका गठबंधन में भले बाहर से कुछ भी हो। लेकिन पर्दे के पीछे किंगमेकर की भूमिका लालू प्रसाद यादव की ही रहेगी। वहीं लालू यादव टिकट बंटवारे के विवाद समेत सभी विवाद भी पहले की तरह ही खुद सुलझाएंगे। क्योंकि लालू यादव के पास विवाद सुलझाने का पुराना अनुभव है। हालांकि संयोजक के तौर पर INDIA संयोजक के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार का नाम सबसे आगे आ रहा है। उन्हें आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव का समर्थन मिला हुआ है। INDIA गठबंधन की पूरी स्क्रिप्ट लालू यादव और नीतीश कुमार ने ही लिखी है। कांग्रेस को बाद में शामिल किया गया था। वैसे 26 सियासी पार्टियों को जोड़ने में नीतीश कुमार की भूमिका फ्रंट पर रही तो लालू प्रसाद यादव ने भी बैकडोर में अहम भूमिका निभाई। सूत्र बताते हैं कि पिछले कई ऐसे मौके आए थे। जब INDIA गठबंधन के टूटने की अटकलें लगाई गईं। लेकिन लालू प्रसाद यादव ने अपने राजनीतिक कुशलता से सबको धता बता दिया। INDIA की बैठक में भी लालू प्रसाद यादव संकटमोचक की भूमिका निभाई थी। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर अधीर रंजन चौधरी के बयान को गलत बताया था। जिसके बाद कांग्रेस की ओर से अधीर रंजन पर सख्ती बरती गई। बता दें अधीर रंजन बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।
ये है लालू यादव का रोल अहम
महागठबंधन इंडिया बनाकर विपक्षी एकता की स्क्रिप्ट ऐसे ही नहीं लिखी गई है। साल 2022 में लालू यादव और नीतीश कुमार पांच साल बाद फिर एक हुए थे। बिहार में बीजेपी को सत्ता से बदखल करने के बाद नीतीश कुमार ने सीधे लालू यादव के सरकारी आवास का रुख किया था। जहां तेजस्वी यादव ने उनका दिल खोलकर स्वागत किया था। यहां नीतीश से पहली मुलाकात में लालू प्रसाद यादव ने एक ही लाइन बोली थी। लालू ने कहा था अब कहीं मत जहिय। सब तोहरे के देखेके बा। यानी अब कहीं नहीं जाना। सब कुछ तुम्हीं को देखना है। इधर जेडीयू सूत्र बताते हैंं कि बिहार में सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार और लालू यादव ने विपक्ष की एकता की स्क्रिप्ट तैयार की थी। इस काम में जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और आरजेडी मनोज झा ने अहम भूमिका निभाई। गठबंधन का खाका खींचकर लालू यादव इलाज कराने के लिए सिंगापुर चले गए थे। इसी साल अप्रैल 2023 में लालू यादव जब इलाज कराकर स्वदेश लौटे तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार उनसे मिलने फिर पहुंचे थे। नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन को लेकर लिये उठाए गए कदम की जानकारी लालू यादव को दी थी। नीतीश कुमार ने कुछ दलों से सहमति नहीं बनने की भी बात कही थी। इसके बाद लालू यादव ने कहा था घबराए के जरूरत नईखे। सब ठीक हो जाई।