मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने के मामले को लेकर संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच छिड़े संग्राम के बीच अब इस मामले पर अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है। जिसमें उसने कहा है कि इस घटना से वो स्तब्ध और भयभीत है। लिंग आधारित इस हिंसा से बचे लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हैं और उन्हें न्याय दिलाने के लिए जारी भारत सरकार के प्रयासों का समर्थन करते हैं। यह जानकारी एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अमेरिका के विदेश विभाग के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने दी है।
व्यवहार शर्मनाक है
पटेल ने ये भी कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि किसी भी सभ्य समाज में महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार शर्मनाक है। हम पहले भी कह चुके हैं कि मणिपुर मामले को लेकर हम शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में हैं। उम्मीद करते हैं कि हर समुदाय के लोगों और उनकी संपत्ति की रक्षा की जाएगी। यहां बता दें कि मणिपुर की ये घटना इसी महीने की शुरुआत की है। लेकिन इसका वीडियो बीते 19 जुलाई को वायरल हुआ था और उसकी देशभर में कड़ी निंदा की गई थी। सभी राजनीतिक दलों ने भी इसकी पुरजोर ढंग से निंदा की है। बताते चलें कि बीते 3 मई से मणिपुर में हिंसा जारी है। इसमें अब तक कुल करीब 160 लोग मारे जा चुके हैं और कई घायल हुए हैं।
अमेरिका, फ्रांस और ईयू ने दी प्रतिक्रिया
उधर भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने भी हाल ही में इस मामले पर प्रतिक्रिया दी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि हम जानते हैं कि ये भारत का आंतरिक मामला है। अगर भारत मदद मांगता है तो हम उसके लिए तैयार हैं। वो जहां भी ऐसी हिंसक घटनाएं देखते हैं तो उन्हें दुख पहुंचता है। हम जल्द से जल्द शांति की उम्मीद करते हैं। मणिपुर के हालातों पर हमें कोई रणनीतिक चिंता नहीं है। हमें सिर्फ लोगों की चिंता है। अमेरिका के अलावा ब्रिटेन की संसद में भी यह मामला उठाया जा चुका है। ब्रिटेन में धार्मिक आजादी से जुड़े मामलों की विशेष राजदूत और सांसद फियोना ब्रूस ने बीबीसी पर मणिपुर हिंसा की ठीक से रिपोर्टिंग न करने का आरोप लगाते हुए ब्रिटेन के निचले सदन में सवाल किया था कि मणिपुर में मई से कई सौ चर्च जलाए गए हैं और 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, 50 हजार से ज्यादा लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। इन सबसे यह साफ होता है कि यह सब योजनाबद्ध ढंग से किया जा रहा है और धर्म इन हमलों में बड़ा फैक्टर है। फ्रांस में यूरोपीय संघ की संसद में भी मणिपुर के मामले को उठाया जा चुका है।
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: पीएम मोदी
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह अपनी पहली प्रतिक्रिया में इस घटना पर दुख और आक्रोश प्रकट करते हुए कहा था कि इसने 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार किया है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।