कार्टूनिस्ट से नेता बने बाल ठाकरे ने 1966 में शिवसेना की स्थापना की थी। वे मिट्टी के लाल की धारणा के पैरोकार थे। करीब 57 साल बाद शिवसेना दो धड़ों में बंट चुकी है। एक गुट महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे का है तो दूसरा गुट उद्धव ठाकरे का है। मुंबई में ये दोनों ही गुट अलग-अलग स्थानों पर शिवसेना का स्थापना दिवस जोरशोर से मना रहे हैं।
- 19 जून 1966 में हुई थी शिवसेना की स्थापना
- कार्टूनिस्ट से नेता बने बाल ठाकरे ने बनाई थी शिवसेना
- 57 साल बाद दो गुटों में बंटी शिवसेना
- एक गुट के मुखिया उद्धव ठाकरे हैं
- एक गुट एकनाथ शिंदे का
- एक बार फिर दोनों गुट आमने-सामने
- लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारी
- स्थापना दिवस पर कौन किस पर भारी
इस दौरान दोनों में संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की राजनीति का असली उत्तराधिकारी कौन इसे लेकर वाकयुद्ध जारी है। पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ के साथ पार्टी चिन्ह धनुष और तीर एकनाथ शिंदे गुट के पास है। महाराष्ट्र की सत्ता में होने से शिवसैनिकों में शिंदे गुट का वर्चस्व अधिक है। दरअसल ये दोनों गुट अगले साल के लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के साथ ही मुंबई में BMC चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। ऐसे में स्थापना दिवस पर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना गोरेगांव स्थित NESCO ग्राउंड में कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। तो वहीं उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (यूबीटी) सेंट्रल मुंबई के सियोन में कार्यक्रम में व्यस्त है।
मातोश्री के पास लगाया शिंदे गुट ने पोस्टर
इसे लेकर पोस्टर वार भी शुरू हो गया है। शिंदे गुट ने कलानगर इलाके में पोस्टरबाजी की है। ये वही इलाका है जहां पर उद्धव ठाकरे का निवास स्थान मातोश्री स्थित है। इलाके में लगे पोस्टरों में लिखा है कि शेरों की लीग अब चली गोरेगांव। बता दें इसके पहले दशहरा रैली को लेकर भी दोनों गुटों में भिड़ंत देखने को मिली थी। अब शिवसेना के स्थापना दिवस पर एक बार फिर दोनों आमने-सामने हैं।
जून 2022 में हुआ था शिवसेना में विभाजन
बता दें साल 2022 में शिवसेना में विभाजन हुआ था।। पिछले साल 2022 जून के महीने में ही शिंदे और शिवसेना के 39 विधायकों ने महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी। इसके बाद शिवसेना का विभाजन दो हिस्से में हो गया था। इस विभाजन के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की एवीए गठबंधन सरकार गिर गई थी। एकनाथ शिंदे ने इसके बाद बीजेपी का दामन थामकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई और चुनाव आयोग ने भी पार्टी का नाम और चिन्ह् तीर-धनुष एकनाथ् शिंदे गुट के हवाले कर दिया। अब ठाकरे गुट का नाम शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) है। ये विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि शिंदे सरकार बनी रहेगी। वहीं पिछले साल पार्टी के टूटने के बाद यह शिवसेना का पहला स्थापना दिवस है जो दो जगहों पर मनाया जा रहा है।