मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग की वजह चाहे जो भी हो लेकिन इस आग में सरकारी विभागों की करीब 12 हजार से अधिक वो फाइलें जलकर राख हो गई है, जो विभिन्न योजनाओं से जुड़ी थी। जिनमें योजनाओं के बजट से लेकर उसके खर्च तक का हिसाब था जो जलकर राख हो गया है। यही वजह है कि इस पर अब सियासी रोटियां सेंकी जाने लगी हैं।
- आगजनी में हजारों फाइल्स जलकर हुई राख
- शॉट सर्किट के बाद एसी में धमाके से आग फैली
- तीसरी मंजिल से कैसे 6वीं मंजिल तक पहुंची आग
- साल 2012 में भी लगी भी सतपुड़ा भवन में आग
- दिसंबर 2018 में भी लगी थी इसी बिल्डिंग में आग
- कमलनाथ के सीएम की शपथ लेने से तीन दिन पहले लगी थी आग
- आग की आंच में सियासी रोटी सेंक रही कांग्रेस
- चुनाव से पहले लगी आग में धधक रहे सवाल
दरअसल कुछ महीने बाद मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में भीषण आग लगने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आग पर काबू पाने में खासी मशक्कत करना पड़ी। लेकिन अब तक आगजनी के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। पुलिस भी अपने स्तर पर मामले की जांच कर रही है। हालांकि ये पहला मामला नहीं है जब वल्लभ भवन के बाद राज्य सरकार के लिए अहम इस सतपुड़ा भवन में आग लगी हो। सतपुड़ा भवन की चौथी मंजिल पर साल 2012 में भी आग लगी थी। तब इस फ्लोर पर तकनीकी शिक्षा विभाग का दफ्तर था। उस समय जून के महीने की 25 तारीख को शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी। जिसमें कई जरुरी फाइल्स जलकर राख हो गईं। इसके बाद 14 दिसंबर 2018 को भी सतपुड़ा भवन में भीषण आग लग गई थी। आग से यहां उस समय भी कई गोपनीय दस्तावेज जलकर राख हो गए थे। बता दें तब मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे और कांग्रेस जीतकर सत्ता में आई थी। कमलनाथ 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले थे, लेकिन इससे 3 दिन पहले 14 दिसंबर को आग लगने से सतपुड़ा भवन में कई जरुरी दस्तावेज राख हो गए थे। उस समय भी संचालनालय में आग लगने को लेकर कई तरह के सवाल उठे थे। आज भी उठ रहे हैं।
कांग्रेस का आरोप मिटाए भ्रष्टाचार के सबूत
इस आग की आंच में कांग्रेस सियासी रोटी सेंक रही है। कांग्रेस ने आग के बहाने शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार के सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया है। एमपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके आरोप लगाए गए हैं। कहा गया कि शिवराज सरकार के इस दफ्तर की आग बता रही है बीजेपी सरकार मध्य प्रदेश में सत्ता से बेदखल होने जा रही है। एमपी के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है किसी भी राज्य में चुनाव से पहले सरकारी रिकॉर्ड भवन में अगर आग लग जाए, तो यह समझ लेना चाहिए कि सरकार गई।
आग लगी या लगाई गई,इसकी हो जांच—कमलनाथ
सतपुड़ा भवन में लगी आग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी सरकार पर एक और भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। कमलनाथ का कहना है कि मध्य प्रदेश में कई भ्रष्टाचार हुए हैं। भ्रष्टाचार की फाइलें जलाई जा रही हैं। यह आग लगी है या लगाई गई है इसकी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराना चाहिए। वहीं बीजेपी सरकार की तैयारियों को लेकर कहा कि बीजेपी सरकार सिर्फ पैसा कमाने की तैयारी में रहती है।
12 हजार से अधिक फाइल जल कर हुईं राख
बता दें छह मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में चार मंजिलों का करीब 80 फीसदी से अधिक हिस्सा जल गया। आगजनी में करीब 12 हजार से अधिक फाइल जल कर राख हो गईं।
दरअसल बिल्डिंग के तीसरे फ्लोर को लेकर कहा जा रहा है कि यहां पर बजट, हॅास्टल और प्रस्ताव से जुड़ी फाइलें रखी थीं। तो चौथे फ्लोर पर सीएम मॅानीटरिंग प्रकरण और जन शिकायत आयोग शाखा के साथ परिवार कल्याण से जुड़ी फाइलें रखी थी। बिल्डिंग की 6वीं मंजिल पर स्वास्थ्य विभाग का रिकॅार्ड रुम था। जहां 12 हजार से अधिक जरुरी फाइलें रखी थी। डायरेक्टर एडमिन भी इसी फ्लोर पर बैठते थे। अब यहां सब कुछ जलकर राख हो गया है। इस आगजनी में सबसे ज्यादा नुकसान स्वास्थ्य विभाग को हुआ।
CM ने की रिव्यू बैठक
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सतपुड़ा भवन में लगी आग के दूसरे दिन अधिकारियों के साथ ले रिव्यू बैठक की। बैठक में गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वागस्रूथ्प्र मंत्री प्रभुराम चौधरी मौजूद रहे। इसके साथ ही बैठक में मुख्य सचिव, डीजीपी सहित राजेश राजौरा, मो.सुलेमान और नीरज मंडलोई सहित सबंधित अन्य अधिकारी शामिल हुए।
CM ने PM से की बात
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आग बुझती न देख मदद के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बात की थी। उन्होंने वायू सेना भेजने के लिए मदद मांगी थी। इसके अलावा सीएम ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी फोन पर चर्चा कर घटना जानकारी दी थी। इस दौरान पीएम ने सीएम को केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया था।
जांच कमेटी की गठित
सतपुड़ा भवन में आगजनी के मामले में सीएम ने आग की प्रारंभिक वजह जानने के लिए कमेटी गठित की है। जांच कमेटी में चार लोगों को शामिल किया है। जिसमें एसीएस होम राजेश राजौरा के साथ पीएस पीडब्ल्यूडी सुखबीर सिंह, पीएस अर्बन नीरज मंडलोई और एडीजी फायर कमेटी में रहेंगे। कमेटी जांच की प्रारंभिक वजह का पता लगा कर पूरी रिपोर्ट सीएम को सौंपेंगे।