उत्तर प्रदेश ही ही नहीं इन दिनों समूचे देशभर में महाकुंभ को लेकर उत्साह नजर आ रहा है। महाकुंभ की धूम विदेशी लोगों में में भी है। महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस बात को महाकुंभ पहुंचने वाले श्रद्धालु भी मान रहे हैं।
- यूपी की योगी सरकार का अनूठा प्रयास
- स्कूल में बच्चे पढ़ रहे महाकुंभ से जड़ा पाठ
- महाकुंभ और इसके माहत्म्य से हो रहे परिचित
- पाठशाला में बच्चों को बता रहे महाकुंभ का महत्व
यूपी की योगी सरकार ने एक ऐसी व्यवस्था भी की है जिससे वो लोग भी महाकुंभ और इस धार्मिक आयोजन के महात्म्य से परिचित हो जाएंगे, जो किसी वजह से महाकुंभ नहीं जा पा रहे हैं। इसके लिए यूपी की योगी सरकार ने काशी में महाकुंभ को लेकर एक अनोखी पाठशाला प्रारंभ की है। इस पाठशाला में बच्चों को प्रयागराज महाकुंभ का महत्व, उसकी विशेषता और महात्म्य को पढ़ाया जा रहा है। काशी के स्कूलों में इसके लिए नियमित रुप से कक्षाएं लगाई जा रही हैं। इस दौरान बच्चों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे स्वयं भी सीखें। घर जाकर अपने परिजन को भी बताएं।
दरअसल वाराणसी जिला प्रशासन की ओर से इस संबंध में एक बुकलेट को तैयार किया गया है। करीब तीन पेज की छोटी सी इस बुक लेट में महाकुंभ का माहात्म्य, महाकुंभ से जुड़ी कथा और कुंभ कितने प्रकार के होते हैं जैसे विवरण शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही यह भी बताया है कि इस बार प्रयागराज के महाकुंभ में क्या-क्या सुविधाएं हैं। इन सभी विषयों पर बिन्दुबार जानकारी दी है और नोट्स भी लिखे गए हैं।
एक-एक टीचर को पढ़ाने का जिम्मा
प्राथमिक विद्यालयों में बुकलेट को वितरित कर उसे पढ़ाया जा रहा है। इसी क्रम में हर दिन महाकुंभ की विशेषताओं पर आधारित कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए एक शिक्षक की ड्यूटी भी लगाई गई है। अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है। जिसमें प्राथमिक विद्यालयों में महाकुंभ से जुड़ी विशेषताओं को पढ़ाया जा रहा है। इस तरह सनातन संस्कृति को बच्चों को बताया जा रहा है। बाकायदा ब्लैक बोर्ड पर लिखकर बच्चों को समझाया जाता है कि महाकुंभ क्या है। और कुम्भ में स्नान क्यों करना चाहिए। कुंभ में स्नान करने का महत्व क्या होगा है।
बच्चों के लिए खास..महाकुंभ वाली क्लास
महाकुंभ से जुड़ी जानकारियों को क्लास में इस तरह पढ़ाना बच्चों को भी अच्छा लग रहा है। इसे सिलेबस के तौर पर पहले बुकलेट बच्चों को बांटी गई। अध्यापिका का कहना है कि इस तरह यह अनूठा प्रयास और पौराणिक ज्ञान देने की व्यवस्था पहली बार प्रारंभ की गई है। उन्होंने बताया इस तरह के प्रयास से बच्चों को भारत की सभ्यता और भारतीय संस्कृति का ज्ञान होगा। बच्चों को पता चलेगा कि कुंभ क्या है। वे अपने घर में जाकर अपने अभिभावक मां बाप को भी बताएंगे।
(प्रकाश कुमार पांडेय)