हिंदू धर्मगुरु और कथावाचक क्यों होने लगे हैं इस्लाम और ईसाइयत के खिलाफ मुखर, रामदेव ने भी खोला मोर्चा

धीरेंद्र शास्त्री के भी समर्थक

बाड़मेर। योग गुरु बाबा रामदेव भारत में काफी लोकप्रिय हैं, लेकिन एक बार फिर अपने ताजा बयान से वह सुर्खियों में आ गए हैं। उन्‍होंने इस्‍लाम और ईसाई धर्म को लेकर एक बयान दिया है, जिसके विवादित हो जाने का खतरा है। यह बयान उन्होंने राजस्थान के बाड़मेर से 40 किलोमीटर दूर पनोणियो का तला गांव में दिया है।

बाबा रामदेव ने ईसाई धर्म को भी आड़े हाथों लिया

कार्यक्रम बाड़मेर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर गांव में एक मंदिर की प्राण प्रगिष्ठा का था। इसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने योग गुरु बाबा रामदेव और जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर अवधेशानंद महाराज एक साथ पहुंचे थे।

मुखर हो रहे हैं धर्मगुरु

अभी अधिक दिन नहीं हुए, जब बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को लेकर बवाल उठा था और सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया और राजनीति तक उनके पक्ष-विपक्ष में बातें हुई थीं। बाबा रामदेव तब धीरेंद्र शास्त्री के पक्ष में भी बोले थे। धीरेंद्र शास्त्री तो प्रयागराज से लेकर हर हिंदू तीर्थस्थल पर घूमकर समर्थन जुटा ही रहे हैं। वह मुखर तरीके से हिंदू राष्ट्र निर्माण की बात भी करते हैं। वनवासियों के बीच जाकर वह रामकथा भी सुनाते हैं।

धीरेंद्र शास्त्री सहित कई धर्मगुरुओं का मानना है कि धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून बनने चाहिए। वैसे, धीरेंद्र शास्त्री खासे विवादित भी हैं। उनके कथित चमत्कारों को लेकर मीडिया ट्रायल भी हुआ और सुहानी शाह जैसी मेंटलिस्ट को बुलाकर खूब सारे शो भी करवाए गए। सवाल, इन धर्मगुरुओं की अचानक सक्रियता, एकजुटता और समय को लेकर है।

चुनाव की तैयारी या जड़ से हटेगी बीमारी

अगले साल लोकसभा चुनाव हैं और मोदी तीसरी बार अपनी किस्मत आजमाने वाले हैं। संघ की तरफ से होसबोले ने भी 2 फरवरी को डीएनए एक होने की बात कहकर घर-वापसी का समर्थन किया है। उन्होंने तो गोमांस मजबूरी में खा लेनेवालों को भी नहीं छोड़ने की बात की है, तो जाहिर तौर पर उनका लक्ष्य मुसलमान और ईसाई बने कनवर्टेड हिंदू ही थे। इससे पहले सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी एक ही डीएनए की बात होने की बात कही है।

हिंदू वोटों को एक करना, संगठित करना हरेक राजनीतिक दल की प्राथमिकता है इस समय। बिहार और यूपी में रामचरितमानस के नाम पर बवाल बना हुआ है, तो मध्य प्रदेश में इस्लाम नगर को जगदीशपुर में बदलकर मामा शिवराज अपनी गोटियां खेल रहे हैं। राजस्थान में विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं। वहीं पर बाबा रामदेव ने यह बयान देकर माहौल में और गर्मी ला दी है। राजनीतिक विश्लेषक बता रहे हैं कि यह दरअसल आनेवाले चुनाव की तैयारी है और वोटर्स को गोलबंद करने की तैयारी है।

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