जानिए कितने टन सोना है और कितनी संपत्ति
जब भी हिन्दू पूजा स्थालों और मंदिरों की संपत्ति की चर्चा होती है तब भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर का उल्लेख जरुर होता है। क्या आप जानते हैं दुनिया के सबसे अमीर हिंदू पूजा स्थलों में से एक है भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर है। दुनिया के सबसे अमिर तिरुपति बालाजी निकाय तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने मंदिर की संपत्ति का ब्यौरा जारी किया है।
मंदिर प्रबंधन ने जारी किया श्वेत पत्र
देवस्थानम की ओर से शनिवार को श्वेत पत्र जारी किया। जिसमें बताया गया कि मंदिर का करीब 5300 करोड़ का 10.3 टन सोना और 15938 करोड़ नकद राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा है। मंदिर की कुल संपत्ति 2.26 लाख करोड़ की है।
इस तरह हुई सोना और नकद में वृद्धि
ट्रस्ट के कार्यकारी अधिकारी एवी धर्म रेड्डी की माने तो वर्तमान ट्रस्ट बोर्ड ने 2019 से अपने इन्वेस्टमेंट गाइडलाइंस को मजबूत किया था। 2019 में कई बैंकों में 13025 करोड़ नकद था। जो बढ़कर 15938 करोड़ हो गया है। पिछले तीन सालों की इन्वेस्टमेंट में 2900 करोड़ की वृद्धि हुई है। वहीं ट्रस्ट के शेयर किए गए बैंक वाइस इन्वेस्टमेंट में 2019 में टीटीडी के पास 7339.74 टन सोना जमा था जो पिछले तीन साल में 2.9 टन बढ़ गया।
फंड इन्वेस्ट करने का दावा
टीटीडी ने कुछ सोशल मीडिया रिपोर्ट्स को गलत बताया। जिसमें दावे किए जा रहे थे कि ट्रस्ट के चेयरमैन और बोर्ड ने फंड आंध्र प्रदेश सरकार की सिक्योरिटीज पर इन्वेस्ट किया है। टीटीडी ने कहा कि ऐसा नहीं किया गया। बल्कि बचे हुए फंड को शेड्यूल्ड बैंकों में इन्वेस्ट किया जाता है। ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि श्रीवारी के भक्तों से अनुरोध है कि वे इस तरह के झूठे प्रचार पर विश्वास न करें। बैंकों में जमा किया गया नकद और सोने का इन्वेस्टमेंट बहुत ही पारदर्शी और सही तरीके से किया जाता है।
7 हजार 123 एकड़ में फैली 960 संपत्ति
दान के मामले में भी तिरुमला तिरुपति मंदिर सबसे अमिर है। मंदिर के पास अलग अलग जगहों पर 7 हजार 123 एकड़ में फैली कुल 960 संपत्ति हैं। यहां चांदी से लेकर कीमती पत्थर, सिक्के, कंपनी के शेयर और प्रॉपर्टी जैसी चीजें भी दान की जाती हैं।
भव्यता और सुंदरता के लिए भी मशहूर
दक्षिण भारत के सभी मंदिर अपनी भव्यता और सुंदरता के लिए भी मशहूर हैं। लेकिन तिरुपति बालाजी मंदिर सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। तिरुपति बालाजी का मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में है। इस मंदिर को भारत का सबसे धनी मंदिर माना जाता है। यहां पर प्रतिदिन करोड़ों रुपए का दान आता है। इसके अलावा भी बालाजी मंदिर से जुड़ी कई बातें ऐसी हैं।सबसे अनोखी है।
बाल किये जाते हैं दान
मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने मन से सभी पाप और बुराइयों को यहां छोड़ जाता है। उसके सभी दुख देवी लक्ष्मी दूर कर देती हैं। इसलिए यहां अपनी सभी बुराइयों और पापों के रूप में लोग अपने बाल छोड़ जाते हैं। अमूमन मंदिरों में भगवान को चढ़ाने के बाद तुलसी पत्र प्रसाद के रूप में भक्तों में बांट दिया जाता है। दूसरे वैष्णव मंदिरों की तरह यहां पर भी भगवान को प्रतिदिन तुलसी पत्र चढ़ाया तो जाता है, लेकिन उसे भक्तों को प्रसाद के रूप में नहीं दिया जाता। बताते हैं कि पूजा के बाद तुलसी पत्र को मंदिर परिसर में मौजूद कुएं में डाल दिया जाता है।
शेषनाग के सात फनों का प्रतीक हैं चोटियां
यह मंदिर मेरूपर्वत के सप्त शिखरों पर स्थापित है। इसकी सात चोटियां शेषनाग के सात फनों का प्रतीक कही जाती हैं। इन चोटियों को शेषाद्रि, नीलाद्रि, गरुड़ाद्रि, अंजनाद्रि, वृषटाद्रि, नारायणाद्रि और व्यंकटाद्रि कहा जाता है। इनमें से व्यंकटाद्रि नाम की चोटी पर भगवान विष्णु विराजित हैं। इसी वजह से उन्हें व्यंकटेश्वर के नाम से जाना जाता है।