महिला आरक्षण बिल पर सियासी घमासान, भूख हड़ताल पर तेलंगाना सीएम केसीआर की बेटी के कविता, शनिवार को ईडी के सामने होंगी पेश

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तेलंगाना सीएम केसीआर की बेटी के कविता दिल्‍ली में भूख हड़ताल पर बैठी हैं। उनके साथ कई विपक्ष दल के नेता मौजूद हैं। इससे पहले गुरुवार को कविता ने कहा था वे संसद के मौजूदा सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश करने की मांग को लेकर शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगी। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने का अनुरोध करती हैं। कविता ने कहा वे लोगों से वादा करती हैं कि जब तक बिल नहीं आएगा तब तक आंदोलन का रास्ता नहीं छोड़ेंगे। आंदोलन करते रहेंगे क्योंकि इस बिल से हिंदुस्तान का भला हो सकता है।

कल होंगी ईडी के सामने पेश

बता दें बीआरएस नेता ने कहा कि वे प्रवर्तन निदेशालय का सामना करेंगी क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। कविता ने कहा कि अगर किसी महिला से केंद्रीय एजेंसी की ओर से पूछताछ की जानी है, तो कानून के अनुसार उसका मौलिक अधिकार है। उसके घर पर पूछताछ की जाए। ईडी ने उन्हें 9 मार्च को बुलाया था? उन्होंने 16 मार्च के लिए अनुरोध किया लेकिन पता नहीं ईडी को किस बात की जल्द है। इसलिए वे 11 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होंगी।

18 पार्टियों की ओर से मिली स्वीकृति

के कविता ने कहा विरोध प्रदर्शन में 18 पार्टियों के नेताओं ने पहुंचने को लेकर अपनी स्वीकृति दी है। महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए के कविता ने कहा भाजपा ने वादा किया था कि वह पूर्ण बहुमत में आने पर महिला आरक्षण को लागू करेगी। 2014 और 2019 में दो बार बीजेपी पूर्ण बहुमत से सत्ता में रही लेकिन उसने अपना वादा पूरा नहीं किया। दरअसल भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता संसद और विधानसभाओं में महिला आरक्षण की मांग को लेकर धरने पर बैठी हैं। कविता के धरने में 12 विपक्षी दलों के नेता शामिल हैं। इस धरने को महिला आरक्षण के बहाने मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की बीआरएस की कवायद से जोड़कर खा जा रहा है। वहीं भूख हड़ताल के मंच से के कविता ने कहा जब तक महिला आरक्षण कानून नहीं बनता तब तक चुप नहीं बैठेंगी। कविता के धरने में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी भी पहुंचे। येचुरी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल को सीपीएम का पूरा समर्थन है। इसके साथ ही टीएमसी,एनसीपी, नेशनल कांफ्रेंस, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल और समाजवादी पार्टी समेत कई दलों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।

27 साल से लंबित है महिला आरक्षण बिल

के कविता ने बीआरएस एमएलसी ने आगे कहा जिस तरह से पूरी दुनिया का विकास हो रहा है। अगर उसी तेजी से हिंदुस्तान का भी विकास होना है तो महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में भी भागीदारी मिलनी चाहिए। इस क्षेत्र में भागीदारी मिलने के लिए महिला आक्षरण बिल को लाना बहुत जरूरी है। ये बिल 27 साल से लंबित है।

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