महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : क्या शिंदे फिर होंगे ‘नाथ’…बीजेपी ने इसलिए अब तक नहीं खोले अपने पत्ते
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच NDA सरकार की बागडोर भले ही अभी एकनाथ शिंदे के हाथ में हो, लेकिन BJP उन्हें आगे करके चुनाव नहीं लड़ना चाहती है। वे चुनाव से पहले CM पद को लेकर किसी तरह का कोई कमिटमेंट नहीं करना चाहती है ताकि चुनाव के बाद यू-टर्न न ले सके।
दुविधा या दांव? शिंदे के चेहरे पर संकट
महाराष्ट्र में CM चेहरे पर सस्पेंस
भाजपा का कमिटमेंट से इनकार
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एलान
चुनाव बाद करेंगे CM का फैसला
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की NCP एक साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी है…लेकिन CM चेहरे को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक दिन पहले रविवार को घोषणा पत्र जारी करने के दौरान स्पष्ट कर दिया है कि एकनाथ शिंदे जरूर मौजूदा CM हैं, लेकिन नतीजे के बाद नए CM का फैसला गठबंधन के तीनों दल मिलकर करेंगे।
ऐसे में बीजेपी ने यह बात भी साफ कर दी है कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं हैं। इस तरह बीजेपी चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के पद को लेकर किसी तरह का कोई वादा नहीं करना चाहती है। जिससे चुनाव परिणाम के बाद यू-टर्न न ले सके। लिहाजा कोई फिक्स डील नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री के चेहरे के विकल्प को बीजेपी खुला रखना चाहती है।
बीजेपी ने शिवसेना उद्धव गुट से हिसाब बराबर करने और समय की सियासी नजाकत को समझते हुए पिछली बार 2022 में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया था, लेकिन अब हालात बदल गये हैं। बीजेपी की ओर से जिस मंसूबे को लेकर एकनाथ शिंदे और अजित पवार को अपने साथ लिया था। लोकसभा के चुनाव में वो सफल नहीं हो सकी थी। जहां अजित पवार अपना ही गढ़ नहीं बचा सके और तो वहीं शिंदे भी उद्धव ठाकरे के सामने पस्त नजर आए थे। ऐसे में महाराष्ट्र में भाजपा अपना मुख्यमंत्री बनाए रखने का विकल्प भी लेकर चल रही है। यही कारण है कि एकनाथ शिंदे के नाम पर अब तक मुहर नहीं लगाइ जा रही है।