राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र
Rajasthan Legislative Assembly: राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होना हैं। ऐसे में सरकार हर वर्ग को साधने के प्रयास में जुटी हुई है। सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जारी सियासी मतभेद के चलते मरु भूमि में कांग्रेस को चुनाव में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। राज्य विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। विपक्ष के साथ सरकार को पायलट गुट से भी सदन में चुनौती मिल रही है। यही वजह है कि सीएम गहलोत इस बार के बजट में कोई जादूगरी दिखा सकते हैं। बता दें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 10 फरवरी को राज्य का बजट 2023-24 पेश करेंगे। राजस्थान विधान सभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। गहलोत के मौजूदा कार्यकाल का यह पांचवां और अंतिम बजट होगा। 10 फरवरी को बजट के बाद 11 और 12 फरवरी को सदन की बैठक नहीं होगी। 13-15 फरवरी को बजट पर बहस करने के लिए फिर से बैठक बुलाई जाएगी। बिजनेस एडवाइजरी की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार 16 फरवरी को इस बहस का जवाब देगी।
बजट में हो सकती हैं ये घोषणाएं
- नए विश्वविद्यालय
- अल्पसंख्यकों को विशेष पैकेज
- किसानों के लिए विशेष पैकेज
- फसल बीमा का दायरा बढ़ाना
- अनाज व दालों के लिए एमएसपी में वृद्धि
- महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल
- बालिका शिक्षा के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ईआरसीपी को फंड
लोक लुभावन हो सकता है गहलोत का बजट
अशोक गहलोत राजस्थान के सीएम होने के साथ साथ वित्त विभाग अपने पास रखे हुए हैं। इसलिए वे ही राजस्थान का बजट पेश करेंगे। वहीं चूंकि साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में इस बार राजस्थान के बजट की इस बार लोकलुभावन होने की पूरी संभावना है। सरकार की कोशिश बजट के जरिए हर वर्ग को लुभाने की कशिश होगी। हालांकि सीएम गहलोत कई मौकों पर कह चुके हैं कि राजस्थान का आगामी बजट युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित होगा।
बजट से दूर होगी कांग्रेस सरकार की परेशानी
राजस्थान देश के उन राज्यों में शुमार है, जहां हर पांच साल बाद सरकार बदल जाती है। पिछले कई साल से राजस्थान में यह सियासी परिपाटी चली आ रही है। यहां हर पांच साल में सरकार बदल जाती है। हालांकि इस बार कांग्रेस का दावा है कि साल में अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी सरकार पर जनता फिर से भरोसा जताएगी। बीते महीनों पर राजस्थान कांग्रेस भीतर भी सियासी बयानबाजी देखने को मिली है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमे के बीच का तकरार भी सबके सामने आया है। ऐसे में राजस्थान कांग्रेस सरकार के मुखिया अशोक गहलोत की कोशिश ये होगी कि वो ऐसा बजट लाए जो जनता को अपनी तरफ खींच सके और पार्टी के अंदर की गुटबाजी का नुकसान चुनावी साल में न उठाना पड़े।
गहलोत कर सकते हैं 7 नए जिलों की घोषणा
रिटायर्ड आईएएस डॉ. रामलुभाया की कमेटी ने अशोक गहलोत सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि राजस्थान बजट 2023 में सात नए जिलों और तीन नए संभाग की घोषणा हो सकती है। पिछले माह 23 जनवरी को राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन नए जिलों की मांग ने तूल भी पकड़ा था। कोटा में प्रदेश की तीसरी पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की जा सकती है।
ये नए जिले बनने की उम्मीद
- सुजानगढ़
- ब्यावर
- बालोतरा
- नीम का थाना
- कुचामन सिटी
- फलौदी
- भिवाड़ी
ये बन सकते हैं नए संभाग बनने
- सीकर (सीकर, चूरू झुंझूनूं व नीम का थाना)
- बाड़मेर (बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर व बालोतरा)
- चित्तौड़गढ़ (चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व भीलवाड़ा)
- सरकार दे चुकी है पुरानी पेंशन बहाली का तोहफा
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने पिछले बजट में ओल्ड पेंशन योजना ओपीएस का तोहफा दिया था। इस बार प्रमोशन व प्रोबेशन पीरियड घटाने की घोषणा हो सकती है। राजस्थान में 59 कर्मचारी संगठनों की कॉमन मांग है कि चयनित वेतनमान 9, 18 व 27 के स्थान 8, 16, 24 व 32 साल होना चाहिए। अगर यह व्यवस्था लागू हुई तो सरकारी कर्मचारियों के तीन की जगह चार प्रमोशन हुआ करेंगे। इसके अलावा प्रबोशन पीरियड की अवधि दो साल से घटाई जा सकती है।