क्या पुतिन करेंगे यूक्रेन पर परमाणु हमला!
न्यूक्लियर वॉर के मुहाने पर रूस यूक्रेन युद्ध
रूस ने न्यूक्लियर फोर्सेज को ट्रायल के लिए उतारा
रूस- यूक्रेन के बीच 8 माह से जारी जंग अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने एक दिन पहले सामरिक परमाणु बल का अभ्यास देखा। जिसमें बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के प्रक्षेपण शामिल थे। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के रणनीतिक प्रतिरोध बलों के प्रशिक्षण का निरीक्षण किया जो परमाणु युद्ध के खतरों का जवाब देने के लिए हर वक्त तैनात रहता है। यूक्रेन और रुस के बीच युद्ध में परमाणु हमलों की चेतावनी और पुतिन के इस कदम से दुनियाभर के देशों में हड़कंप मचा हुआ है। उधर,यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस पर युद्ध में ईरानी ड्रोन करने का आरोप लगाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस ने लगभग 400 ड्रोन का इस्तेमाल किया है। वहीं अमेरिका ने एक बार फिर रूस को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर चेताया और कहा है कि यह अविश्वसनीय रूप से एक गंभीर गलती होगी। बता दें बाइडेन प्रशासन ने पहले कहा था कि रूस ने नोटिस दिया है कि वह अपनी परमाणु क्षमताओं का नियमित अभ्यास करना चाहता है। जबकि यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा ऑपरेटर ने दावा किया कि उसका पड़ोसी यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र में कुछ गुप्त काम कर रहा है।
पुतिन बना रहे वॉर रूम में यूक्रेन की तबाही का प्लान
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने सामरिक परमाणु बल के अभ्यास का निरीक्षण किया। जिसमें बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के प्रक्षेपण आदि शामिल थे। क्रेमलिन ने ये जानकारी दी। यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में रूस के इस अभ्यास को शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। रूस के रक्षा मंत्री सेर्गेई शोईगु ने बताया कि रूस पर परमाणु हमला होने की स्थिति में रूस की ओर से बड़े पैमाने पर परमाणु हमला करने का अभ्यास किया गया।
तबाही लेकर आएगा परमाणु हमला
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को करीब 8 महीने पूरे हो गए हैं। इन 8 महीनों में रूसी सेना ने यूक्रेन के कई बड़े शहरों को बर्बाद कर दिया। इस युद्ध में अब तक दोनों ही देशों के लाखों सैनिक अपनी जान गवां चुके हैं। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वो सीमा की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के लिए तैयार हैं। बता दें रूस के राष्ट्रपति ने सितंबर में भी एक बयान दिया था जिससे में यूक्रेन के साथ साथ पश्चिम देशों की भी चिंता बढ़ा दी है। इस बयान के बाद अंदाजा लगाया जा रहा था कि पुतिन यूक्रेन पर छोटे या सीमित दायरे वाले टैक्टिकल परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। परमाणु का इस्तेमाल किसी देश को कितना नुकसान पहुंचा सकता है। इस बात से दुनिया पूरी तरह रूबरू है। बता दें साल 1945 में जापान परमाणु हमला झेल चुका है। लेकिन उस घटना की दहशत आज भी लोगों के मन में है वो आज भी उस दिन को याद कर सहम जाते हैं।
हिरोशिमा और नागासाकी पर हुआ था परमाणु हमला
1945 में जब दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला किया था। तब चंद मिनटों में उस देश के हजारों.लाखों लोगों की मौत हो गई थी। हमले के सालों बाद भी लोग मरते रहे। ऐसे में पुतिन की इस धमकी के बाद लोगों के मन में ये सवाल आ रहा होगा कि अगर 1945 का परमाणु युद्ध इतनी बड़ी तबाही का कारण बना था तो दशकों बाद नई तकनीक से लैस परमाणु हमला कितना घातक हो सकता है। वैज्ञानिकों की माने तो रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला करता है या ऐसी स्थिति बनती है तो ये विस्फोट कुछ और नहीं बल्कि तबाही लेकर आएगा।
बाइडेन दे चुके हैं चेतावनी
अमेरिकी राश्ट्र्पति बाइडेन ने पिछले दिनों व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा वे बस इतना ही कहना चाहते हैं कि अगर रूस सामरिक परमाणु हथियार का इस्तेमाल करता है तो वह अविश्वसनीय रूप से गंभीर गलती करेगा। यहां बाइडेन इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या रूस डर्टी बम या परमाणु हथियार तैनात करने की तैयारी कर रहा है। बाइडेन ने जोर देकर कहा कि वे आपको गारंटी नहीं दे रहे हैं कि यह अभी तक एक फाल्स फ्लैग ऑपरेशन है। उन्हें नहीं पता लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह एक गंभीर गलती होगी।
24 फरवरी को रूस यूक्रेन जंग की शुरुआत
अमेरिका और पश्चिमी देशों के दबाव के बाद भी 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। रूस को उम्मीद थी कि वह यूक्रेन जंग को थोड़े दिनों में समाप्त कर देगा। लेकिन न तो यूक्रेन हार मानता दिख रहा है। और न ही रूस पीछे हटता दिख रहा है। 90 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन से जान बचाकर पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं। इस बीच गेहूं, क्रूड आयल और गैस सहित कई जरूरी चीजों की आपूर्ति पूरी तरह से प्रभावित हुई है। इस जंग ने कई देशों के रणनीतिक समीकरण को बदल कर रख दिया है।