क्या लोकसभा चुनाव में बृजभूषण की बढ़ेगी मुश्किल

दबंगई पर खुलकर चर्चा करते हैं

छह बार के सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह इस बार बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं। जिस तरह की स्थितियां बन रहीं है उन्हे दिखते हुए लगता है कि इस बार उनका निकल पाना बड़ा मुश्किल है। महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों को भले ही भूषण सिंह नकारते हुए विवाद के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बता दें इसके बाद भी उन्हे कोई राहत मिलने वाली नहीं है।

विवादों को निपटाना था आसान

छोटे पूरे विवादों को चुटकियों में निपटाने वाले सांसद भूषण सिंह ने इस महिला पहलवानों को चुनौती देनी की कोशिश की थी। बीते तीन माह भी पहलवान मामला दर्ज करने और जांच करवाने की मांग कर रहे थे। अंतत: दिल्ली पुलिस को सांसद के खिलाफ दो प्रकरण दर्ज करना पड़े। इसके बाद कहा जाने लगा है कि अब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बृजभूषण सिंह को भाजपा बाहर का रास्ता दिखा सकती है। कोई भी बड़ा दल इस तरह के घिनोने आरोपों को स्वीकार नहीं करेगा।

दबंगई पर खुलकर चर्चा करते हैं

सांसद बृजभूषण सिंह अपनी दबंगई के चर्चे करने से नहीं चूकते थे। उन्होंने एक बार टीवी इंटरव्यूह में एक हत्या की बात भी स्वीकारी थी। कहा जाता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने अचानक गौंडा का नाम बदलकर जयप्रकाश नारायण नगर करने की घोषणा कर दी थी। जयप्रभा गांव में आई बहनजी का विरोध होना शुरु हो गया। पदयात्रा निकली और आंदोलन प्रारंभ हो गया। बाद इस मामले में अटल बिहारी वाजेपयी ने हस्तक्षेप किया और गोंडा का नाम नहीं बदला।

राजनैतिक पकड़ वाले नेता

बृजभूषण सिंह की राजनीतिक जमीन काफी मजबूत मानी जाती है। यहां तक कहा जाता है कि गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच और अम्बेडकरनगर से लेकर अयोध्या की सियासत में दखल माना जाता है। स्थिति इतनी मजबूत है कि पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक में उनके बगैर पत्ता नहीं हिलता है। सिंह 1989 में भाजपा में आए थे और अदोलन में सक्रिय होकर 1991 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीते। इसके बाद 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की। 2009 में जब उनका भाजपा में कुछ विवाद हुआ तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद 2009 में सपा के टिकट पर कैसरगंज से चुनाव जीते थे।

अब भाजपा बदल गई है

एक समय था जब भाजपा में किसी भी नेता रुतबा सहन किया जाता था। यही बृजभूषण सिंह के घर भाजपा का दफतर चलने की खबरें आती थीं। आज भाजपा बदल चुकी है कि एक से एक बड़े और दिग्गज नेताओं की फौज भाजपा में दिखाई देती है। ऐस जिस नेता के कारण पार्टी पर सवाल उठाए जाने लगें उसे भाजपा बहुत ज्यादा महत्व नहीं देती है। शायद ही कारण है कि बृजभूषण सिंह पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है और आने वाले समय में चुनाव के दौरान उन्हे भाजपा दरकिनार कर दे तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

प्रकाश कुमार पांडेय

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