पंजाब पुलिस खालिस्तान के सरगना अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस जी तोड़ मेहनत कर रही है। पंजाब के मौजूदा केंद्रीय सुरक्षा बल को भी कुछ जगहों पर ऐसा ही बनाया गया है। इंटरनेट को बंद कर दिया। अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए चल रहे अभियान को सफलता अब तक नहीं मिली है। अमृतपाल पंजाब और केंद्र सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है। हालांकि इस मामले के बढ़ने से पहले ही कार्रवाई हो गई थी। लेकिन उसकी गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी।
- अमृतपाल की गिरफ्तारी न होने पर उठे सवाल
- पुलिस अब तक क्यों नहीं तलाश कर सकी
- पंजाब पुलिस की कार्रशैली पर उठे सवाल
- देश की सुरक्षा के लिए घातक है अमृतपाल औश्र उसका संगठन
भिंडरावाला का दूसरा रुप है अमृतपाल
सवाल उठता है कि आखिर अमृत पाल इतना खतरनाक कैसे हो गया कि उसे भगोड़ा घोषित करना पड़ा और गिरफ्तारी के लिए इंटरनेट तक बंद करना पड़ा, क्योंकि गिरफ्तारी होते ही उसके समर्थकों के सड़क पर उउतरने की आशंका थी। दरअसल अमृतपाल सिंह ने हिंसक तरीका अपनाते हुए जनरल सिंह भिंडरावाला का रूप धारण कर लिया है। इसी तरह अमृतपाल सिंह हथियारबंद युवकों के साथ घूमता है। यह भारत में सिखों के लिए एक अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है।पिछले माह 24 फरवरी की घटना के बाद इस पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। जब अमृतपाल सिंह ने अपने नेतृत्व में हजारों लोगों की भीड़ में अमृतसर के बाहर अजनाला थाने पर हमला किया था। इसी बीच देखा गया कि अमृत पाल और उनके समर्थकों ने गुरु ग्रंथ साहिब को भी हाथों में ले लिया था। पवित्र ग्रंथ की आड़ में उसने पुलिस की कार्रवाई से बचने का तरीका ढूंढ निकाला। लेकिन पुलिस पर हमले जारी रखे और गुरु ग्रंथ साहिब की सुरक्षा की मांग की। तब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी गई थी।
डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं अमृतपाल के करीबी
वहीं संगठन वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह के बेहद करीबी माने जाने वाले चार खालिस्तानी समर्थकों को गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा कारणों के चलते पंजाब से डिब्रूगढ़ स्थानांतरित कर दिया गया है। यह चारों कट्टरपंथियों को कड़ी सुरक्षा में पिछले दिनों असम के डिब्रूगढ़ की सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गिरफ्तार खालिस्तानी कट्टरपंथियों को डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में स्थानांतरित करने की योजना की रूपरेखा पहले ही तैयार कर ली थी। राज्य के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह हाईस्कूल परीक्षा के प्रश्नपत्रों लीक मामले के दौरान 14 मार्च को डिब्रूगढ़ आए थे। उस दिन डीजीपी सिंह ने डिब्रूगढ़ सहित छह जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ छह घंटे तक मैराथन बैठक की थी। डीजीपी सिंह ने डिब्रूगढ़ के अपने दौरे के दौरान डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल का भी दौरा किया था।
बता दें पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह के चार साथियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून एनएसए नेशनल सेक्युरिटी एक्ट के तहत कार्यवाही की है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और उनके ड्राइवर को असम की डिब्रुगढ़ सेंट्रल जेल में भेज दिया है। पंजाब पुलिस यह पूरा ऑपरेशन केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर चला रही है।