क्यों हुए बिहार के कार्तिक कुमार मंत्रिमंडल से बाहर

बिहार के कार्तिक कुमार मंत्रिमंडल से बाहर

बिहार में नई सरकार के गइन के बाद से नीतीश कुमार का मंत्रिमडल विवादों में आ गया था। दरअसल कानून मंत्री बनाए गए कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिकेय सिंह को लेकर विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर हमले का रहा था। कार्तिक कुमार के खिलाफ अपहरण का एक मामला दर्ज है। इसके चलते नीतीश कुमार की सरकार निशाने पर आ गई थी। ऐसे में सीएम नीतीश कुमार ने कार्तिक का मंत्रालय बदल दिया। उन्हें कानून मंत्री से हटाकर गन्ना उद्योग विभाग पकड़ा दिया गया। इससे कार्तिक नाराज हो गए और उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। शायल सीएम नीतीश भी यही चाह रहे थे लिहाजा इस्तीफा तत्काल मंजूर कर राज्यपाल को भेज दिया गया।

विवाद की बड़ी वजह है
कार्तिक कुमार यानी कार्तिकेय सिंह को नीतीश कैबिनेट में आरजेडी कोटे से मंत्री बनाया गयसा था। उन्हें  बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह का करीबी माना जाता है। इन्हें कार्तिक मास्टर के नाम से भी जाना जाता है।  बता दें साल 2014 में कार्तिक कुमार के खिलाफ पटना के बिहटा में अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में पूर्व विधायक अनंत सिंह भी सह आरोपी हैं। पिछले दिनों उन पर आरोप लगे कि जिस दिन वे राजभवन में मंत्री पद की शपथ ले रहे थे, उसी दिन किडनैपिंग केस में उन्हें न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करना था। इसके बाद विपक्षी दल बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाया और कार्तिक कुमार देशभर में सुर्खियों में आ गए। गौरतलब है कि नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिलते ही कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे। कार्तिक पर आरोप लगा था कि उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है। यू मामला 2014 का है। जब राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया। इस मामले में कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी। इसे लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहा था कि जिनके खिलाफ खुद गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चूका हो। उसे विधि विभाग का मंत्री कैसे बनाया जा सकता है। बता दें कि बिहार में महगठबंधन सरकार के गठन के बाद ही कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार विवादों में आ गए थे। विपक्ष लगातार हमलावर था। इसी बीच नीतीश सरकार ने कार्तिकेय कुमार को कानून मंत्री पद से हटा कर गन्ना उद्योग विभाग दिया। और उनके स्थान पर शमीम अहमद को विधि मंत्री बना दिया।

 

सवालों में नीतीश का जीरो टॉलरेंस

 

विपक्ष खासकर बीजेपी की ओर से नीतीश कुमार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर सवाल उठाये जाने लगे। इतना हीनहीं सहयोगी वामपंथी दलों ने विधि विभाग वापस लेने के लिए सीएम पर दवाब बनाया था। दबाव के बाद आखिरकार सीएम ने मंत्री पद से कार्तिकेय सिंह को हटाया तो नहीं है लेकिन विधि विभाग वापस ले लिया। जबकि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पहले ही कह चुके थे कि कार्तिकेय को मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा। लेकिन एक महीने में ही इस फेरबदल को लेकर विपक्ष को हमला करने का नीतीश सरकार ने फिर से मौका दे दिया। ऐसे में कार्तिकेय ने मंत्री पद भी छोड़ दिया।

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