यूपी के सीएम योगी ने किसे दी चुनौती…कहा बर्दाश्त नहीं होगी किसी जाति-सम्प्रदाय पर अपमानजनक टिप्पणी…चुकानी पड़ेगी इसकी भारी कीमत

यूपी के सीएम योगी ने किसे दी चुनौती…कहा बर्दाश्त नहीं होगी किसी जाति-सम्प्रदाय पर अपमानजनक टिप्पणी…चुकानी पड़ेगी इसकी भारी कीमत

किसी धर्म पर अपमान जनक टिप्पणी और उसके बाद उपजे अराजकता नितांत अस्वीकार्य मामला है। वास्तव में दोनों नहीं होनी चाहिए। लेकिन भारत में यह आए दिन हो रहा है। आजकल यूपी से कुछ ऐसे ही समाचार आ रहे हैंं ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्ती दिखाई है।

विवादित टिप्पणियों पर योगी सख्त!
विरोध के नाम पर अराजकता स्वीकार नहीं-सीएम
‘दुस्साहस किया तो चुकानी होगी कीमत’
धर्म पर टिप्पणी…सख्त सरकार!
टिप्पणी पर उत्तपात,नहीं कोई अधिकार!

वैसे भी हमारा संविधान सभी धर्मों को समान रुप से मानने का समान अधिकार देता है, लेकिन धार्मिक कट्टरता के चलते यह दिक्कते आती है। एक धर्म को मानने वाला किसी दूसरे धर्म के इष्ट देव को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। बवाल उत्पन्न हो जाता है, लेकिन यूपी के सीएम योगी ने किसी दूसरे धर्म पर गलत टिप्पणी करने वाले और उसके बाद उपद्रव मचाने वालों पर सख्ती दिखाने का फैसला किया है। क्य़ा किसी दूसरे धर्म के बारे में गलत टिप्पणी करने वाले अपने धर्म के मुल बातों से परिचित है। क्या गलत टिपप्णी पर उत्पात मचाने वाले अपने धर्म के मूल रहस्यों के बारे में जानते हैं…?

यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मत, संप्रदाय की आस्था का सम्मान होना चाहिए। देश के महापुरुषों के प्रति सभी लोगों के मन में कृतज्ञता का भाव होना चाहिए। लेकिन इसके लिए बाध्य नहीं किया सकता। जबरन किसी पर थोपा भी नहीं जा सकता। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा विरोध के नाम पर अराजकता स्वीकार नहीं। ऐसे में दुस्साहस किया तो संबंधित को कीमत चुकानी पड़ेगी। त्योहारों के दृष्टिगत वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीएम योगी ने की बैठक आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा पुलिस कानून के विरुद्ध कार्य करने वालों के साथ सख्ती से निपटें।

बता दें त्योहारों को देखते हुए सोमवार को यूपी के सीएम ने राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, अपर मुख्य सचिव गृह के साथ अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी जाति, मत, सम्प्रदाय या मजहब से जुड़े हुए ईष्ट देवी-देवता, महापुरुषों अथवा साधु-संतों के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी अस्वीकार्य, लेकिन विरोध के नाम पर अराजकता भी बर्दाश्त नहीं होगी। इस बात को सीएम ने अपने x post पर भी लिखा है।

सवाल जो सियास से परे हैं
सीएम ने तो दोनों अपराध पर अंकुश लगाने की बात तो कर दी। संभवत:अंकुश लग भी जाए लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि दूसरे धर्म के बारे में गलत टिप्पणी करता कौन हैं? धर्म पर गलत टिप्पणी करने वाला क्या अपने धर्म के बारे में जानता है? टिप्पणी पर उत्पात मचाने वाले कौन होते हैं? क्या उन्हें अपने धर्म का पूर्ण ज्ञान होता है? और सबसे बड़ी बात अपना धर्म सर्वश्रेष्ठ है,और दूसरे का नहीं, यह बताता कौन है? उपजे धार्मिक उम्माद में राजनीतिक पार्टियों का रोल क्या होना चाहिए?

 

 

 

 

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