बीजेपी को मार्च अंत तक करना होगा नए अध्यक्ष का इंतजार…इन तीन नामों की चर्चा सबसे अधिक…!

बीजेपी को फिलहाल नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का इंतजार है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बंगलूरू में 22 से 24 मार्च के बीच होने वाली है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक के पहले या इसके तत्काल बाद मार्च महीने में ही बीजेपी को राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। BJP में फिलहाल संगठन के चुनाव चल रहे हैं। इस दौरान दिल्ली राज्य विधानसभा के चुनाव और प्रयागराज महाकुंभ आने के चलते बीच में संगठन के चुनाव पर विराम लगा हांलाकि कई राज्यों के अध्यक्ष बना दिए गए हैं। कुछ राज्यों में अभी भी अध्यक्ष की घोषणा होनी बाकी है। इस बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम के ऐलान का इंतजार हो रहा है।

संघ और BJP की तरफ से अलग-अलग नाम

बीजेपी अध्यक्ष पद पर के नाम चल रहे हैं। उसमें संघ और बीजेपी की तरफ से अलग-अलग नाम चल रहे हैं। अगर बीजेपी की बात करें तो धर्मेंद्र प्रधान को राष्ट्रीय अध्यक्ष चाहती है। दूसरा नाम मनोहर लाल खट्टर का नाम भी आगे चल रहा है। खट्टर भाजपा और संघ दोनों से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा नितिन गडकरी और साथ ही साथ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का चल रहा है।शिवराज को भी संघ का समर्थन है। बताया जाता है कि मोहन भागवत से जुड़ा संघ का धड़ा उनके साथ है।

खट्टर, गडकरी और शिवराज को संघ का ‘साथ’

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान ने तीन नाम ऐसे हैं, जिनके बारे में बताया जा रहा है इनके नामों पर संघ का साथ है। हरियाण के पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर संघ और बीजेपी दोनों की ही पंसद माने जा रहे हैं । वहीं नितिन गडकरी लंबे समय से केंद्रीय मंत्री है और इससे पहले भी बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी संघ का एक धड़ा सपोर्ट कर रहा है। ऐसे में इन नामों के बीच एक नाम की चर्चा और जोरों पर है वो नाम साउथ का है और एक महिला का। ये नाम डी पुरंदेश्वरी है । इनको पहले लोकसभा का स्पीकर बनाए जाने की भी बात चल रही थी। डी पुंरदेश्वरी आंध्रप्रदेश में बीजेपी की प्रदेश अध्यक्ष हैं।
बता दें राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए बीजेपी जरूरी 50 फीसदी राज्यों में संगठन चुनाव को लेकर एक बार फिर नए सिरे से सक्रिय हुई है। इन बाकी बचे राज्यों को 14 मार्च तक संगठन चुनाव संपन्न कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

दिल्ली चुनाव और महाकुंभ के चलते हुई देरी

बीजेपी में अब तक जिन 12 राज्यों में संगठन के चुनाव पूरे हो चुके हैं। उनमें अधिकांश छोटे और केंद्र शासित राज्य हैं। इस बीच दिल्ली विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के साथ कई राज्यों में जारी असंतोष और गुटबाजी के चलते पार्टी कई राज्यों में संगठन चुनाव का काम समय पर पूरा नहीं कर पाई। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सकारात्मक संदेश जरूरी है। इसके लिए उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में संगठन चुनाव का होना आवश्यक हैं। यही वजह है कि अहम राज्यों को होली तक संगठन के चुनाव संपन्न कराए जाने का अल्टीमेटम दिया गया है।

अब तक इन प्रदेशों में संगठन चुनाव

राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 36 में से 18 राज्यों में संगठन चुनाव का जरूरी हैं। वहीं बीजेपी में अब तक छत्तीसगढ़,राजस्थान, असम, चंडीगढ़, सिक्किम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गोवा और लक्षद्वीप में ही संगठन के चुनाव संपन्न हुए हैं। उत्तर प्रदेश के पार्टी जिलाध्यक्षों की सूची केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कई बार अस्वीकार कर दी है। वहीं मध्यप्रदेश, कर्नाटक, झारखंड, हरियाणा और पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर पार्टी में सहमति नहीं बन पा रही है।

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