छग में सीएम के करीब अफसरों के ठीकानों पर ED का छापा
कौन हैं सौम्या चौरसिया, ED ने बजाई जिनके घर की डोरबेल
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी जब भी छापेमार कार्रवाई करती है वो सुर्खी में आ जाती है। इस बार ईडी की नजर छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ अधिकारियों पर पड़ी है। आदिवासी बहुल इस राज्य में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने सीएम कार्यालय में उपसचिव के रुप में तैनात सौम्या चौरसिया और रायगढ़ कलेक्टर समेत राज्य के कई अफसरों के ठिकानों पर छापे मारे हैं। ये सभी अफसर सीएम भूपेश बघेल के करीबी बताए जा रहे हैं। बता दें मंगलवार सुबह 5 बजे से ईडी की टीम ने ये छापेमार कार्रवाई शुरू की है। सुबह सुबह जिन अधिकारियों के घर की डोरबेल ईडी ने बजाई उनमें सीएमओ में उप सचिव सौम्या चौरसिया दुर्ग, सीए विजय मालू देवेंद्र नगर रायपुर, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू , अग्नी चंद्रशेखर, महासमुंदद्ध और सूर्यकांत तिवारी रायपुर के साथ खनन प्रमुख आईएएस जेपी मौर्या रायपुर शामिल हैं। बता दें इससे पहले आयकर विभाग ने भी इसी साल जून में मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में तैनात उप सचिव सौम्या चौरसिया के दो ठिकानों समेत सात स्थानों पर छापेमारी की थी। जिसमें पांच ठिकाने बिजनेसमैन सूर्यकांत तिवारी से जुड़े थे। तब आयकर विभाग ने इस दौरान छत्तीसगढ़ में रायपुर, दुर्ग, महासमुंद और कुछ अन्य जगहों पर सर्च की थी। बताया जा रहा है कि हाल के समय में छत्तीसगढ़ में यह सबसे बड़ी छापेमारी है। दर्जनभर ठिकानों पर एक साथ ईडी के अधिकारी छापेमारी कार्रवाई में जुटे हुए हैं। दरअसल सूत्र बताते हैं कि पूरा मामला कोयले से जुड़ा है। इससे पहले कुछ नेताओं के घरों में आईटी की रेड पड़ी थी।
छग के ताकतवर अफसरों में शुमार है नाम
ईडी की इस छापेमार कार्रवाई में सबसे बड़ा नाम सौम्या चौरसिया का है। क्योंकि सौम्या चौरसिया के घर इससे पहले भी जून जुलाई में आयकर विभाग की टीम ने सर्च कार्रवाई की थी। छत्तीसगढ़ में कथित रूप से ताकतवर अफसरों में शामिल सौम्या चौरसिया एक बार फिर से चर्चा में हैं। जून जुलाई में सौम्या चौरसिया समेत प्रदेश के कई बड़े लोगों के ठिकानों पर पर आयकर विभाग की छापेमारी हुई थी। सौम्या चौरसिया के अलावा सत्ताधारी दल के करीबी सूर्यकांत तिवारी के यहां भी आयकर विभाग के छापे पड़े थे। छापेमारी के बाद सूर्यकांत तिवारी ने आयकर विभाग पर कई आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा थो आईटी के अधिकारी उन्हें महाराष्ट्र की तरह विधायक तोड़ने के लिए कह रहे थे। सूर्यकांत तिवारी ने यह भी आरोप लगाया है कि उनसे सौम्या चौरसिया का नाम भी लेने को कहा जा रहा था। ऐसा नहीं है कि छत्तीसगढ़ की राजनीतिक और प्रशासनिक हल्कों में पहली बार सौम्या चौरसिया का नाम उभर का आया है। सौम्या की गिनती शासन के करीबी अफसरों में होती है। कुछ साल पहले भी उनके ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी हुई थी। इसमें करोड़ों रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ था। इसके बाद जुलाई 2022 में उनके ठिकानों पर कार्रवाई हुई। छापेमारी के दौरान क्या कुछ मिला है, इसे लेकर आयकर विभाग ने आजतक आधिकारिक रूप से कोई जानकारी साझा नहीं की।
पीसीएस अधिकारी हैं सौम्या चौरसिया
सौम्या चौरसिया की निजी जिंदगी की बात करें तो उनका जन्म छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुआ है। उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। सीएम ऑफिस में उच्च पद पर होने के चलते लोग उन्हें आईएएस समझ लेते हैं, लेकिन वे पीसीएस अधिकारी हैं। वे 2008 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। उनके पति का नाम सौरभ मोदी है। उनके करियर की बात करें तो, चौरसिया इससे पहले भी कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं। उन्होंने बिलासपुर जिले के पेंड्रा और बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई और पाटन एसडीएम पद रहते हुए महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं। बात करें 2016 की तो इन्हें रायपुर नगर निगम में अपर आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई थी। इस दौरान उन्होंने वित्त, सामान्य प्रशासन जैसे बडे़ विभागों का प्रभार संभाला। पिछले कुछ साल से वे मुख्यमंत्री कार्यालय में बतौर उपसचिव पदस्थ हैं।
जमकर हुई थी तब सियासत
जून में जब आरकर विभाग ने छत्तीसगढ के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के ठीकानों पर कार्रवाई की थी तब राज्य में जमकर सियासत हुई थी। बीजेपी ने तब सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ में इनकम टैक्स रेड में करोड़ों के अवैध लेनदेन के साक्ष्य मिले। इसके अलावा 9 करोड़ नकदी और आभूषण जब्त किए गए थे। उन्होंने कहा था कि अवैध लेनदेन के दस्तावेज और डिजिटल सबूत कारोबारियों के पास से मिले हैं। इनसे समझ में आता है कि कोरबा में जमीन की खरीद फरोख्त में करोड़ों रुपए के काले धन का उपयोग करके कोल वाशरी बनाई जा रही है।
कांग्रेस की ओर से किया पलटवार
वहीं बीजेपी के आरोप पर कांग्रेस की ओर से पलटवार भी किया गया। मीडिया प्रभारी सुशील आनंद शुक्ला ने कहा था कि रमन सिंह के बयान से यह साफ हो गया है कि छत्तीसगढ़ में आईटी छापे बीजेपी के देशव्यापी राजनैतिक अभियान का हिस्सा हैं। बीजेपी जहां पर अपने विरोधी दलों से राजनैतिक रूप से नहीं निपट पाती है वहां पर आयकर, ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का सहारा लेती है।