मध्य प्रदेश के ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी इस दिनों सुर्खियों में है। यहां एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसने सभी को हैरत में डाल दिया है। दरअसल मामला जेंडर परिवर्तन से जुड़ा है। जिसके बाद मार्कशीट और दूसरे जरुरी दस्तावेजों में नाम और जेंडर बदले जाने का आदेवन दिया गया है। इस अनोखे आवेदन की सी दूर चर्चा हो रही है। जिसमें नाम ही नहीं और जेंडर यानी लिंग बदलने की भी मांग की है। ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन पसोपेश में नजर आ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसा मामला पहली बार सामने आया है। जिसमें आवेदक पहले लड़की थी लेकिन जेंडर चेंज कराने के बाद वह लड़का बन गया। उसका कहना है कि यूनिवर्सिटी से जुड़े उसके सभी दस्तावेजों में नाम और जेंडर बदला जाए। नए दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं।
दरअसल जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाली एक छात्रा से जड़ा मामला है। जिसमें जेंडर चेंज कराने के बाद छात्रा अब लड़का बन चुकी है। उसने अपनी यूनिवर्सिटी के दस्तावेजों में लिंग और नाम परिवर्तित कराने के लिए आवेदन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को सौंपा है। अब विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले को स्थाई समिति के समक्ष रखकर दस्तावेजों में नाम और लिंग परिवर्तन को लेकर मार्गदर्शन और नियम को लेकर मंथन किया जा रहा है। लड़की से लड़का बना शख्स वर्तमान में दिल्ली में रहता है। इस युवक का कहना है कि उसने यूनिवर्सिटी से संबद्ध एक कॉलेज से 2006 में एमए किया था। इसके बाद उसने अपना लिंग परिवर्तन करा लिया। अब वह लड़की से लड़का बन चुका है। आवेदनकर्ता ने गजट नोटिफिकेशन में भी नाम और जेंडर यानी लिंग परिवर्तन की सूचना भेज दी है। खास बात यह है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास इस तरह का यह पहला आवेदन आया है। जिसमें किसी महिला ने खुद को पुरुष पता कर जेंडर परिवर्तन का हवाला देते हुए नाम और लिंग परिवर्तित करने की अपील की हो।
लड़की से लड़का बने आवेदनकर्ता की ओर से बताया गया है कि उसने अपने स्कूल के जुड़े दस्तावेज ही नहीं आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड में नाम और लिंग परिवर्तित करा लिया है। हालांकि यूनिवर्सिटी के दस्तावेजों में उसके नाम और लिंग का परिवर्तन होना शेष है। इसमें ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के दस्तावेज शामिल हैं।
समिति कर रही विचार
जीवाजी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार अरुण चौहान ने इस संबंध में कहा है कि लड़की से लड़का बने युवक ने यूनिवर्सिटी से जुड़े दस्तावेजों में नाम और जेंडर बदले जाने के संबंध में आवेदन दिया है। आवेदन के साथ जो दस्तावेज मिले हैं उनके आधार पर स्थाई समिति में सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा । इतना ही नहीं नियमों का हवाला देकर उसके दस्तावेजों को ठीक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थाई समिति में अब इसके लिए कोई नियम आदि भी निर्धारित किया जाएगा। क्योंकि प्रबंधन को लगता है कि भविष्य में इस तरह के आवेदन और भी आ सकते हैं।