इन दिनों बिहार राजनीति में लगभग सभी राजनैतिक दलों में घमासान मचा हुआ है। हर एक पार्टी में असंतुष्ट नेता हैं,उन्हे संतुष्ट करने के लिए पार्टियां अपने स्तर पर प्रयास कर रहीं हैं। इसके बाद भी एक खुश होता है तो दूसरा नाराज हो जाता है। बिहार कांग्रेस में भी कुछ इसी तरह की स्थिति दिखाई दे रही है। ताजा मामला कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सामने आया है। जहां कांग्रेस के कुल 19 विधायकों में से सिर्फ 8 ही बैठक में उपस्थित हुए और 11 विधायकों ने इस बैठक से खुद को दूर कर लिया।
विधायक दल का नेता बदल दिया
आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस कई फेर बदल किए हैं। कांग्रेस के इस बदलाव के तहत विधायक दल का नेता बदल दिया गया है। शकील अहमद खान को विधायक दल का नया नेता चुना गया है। इससे पहले एमएलए अजीत शर्मा विधायक दल के नेता थे। बैठक से अजीत शर्मा शामिल नहीं हुए। पार्टी की ओर से इस पर कहा गया कि शॉट नोटिस के कारण वह नहीं आ सके।
डॉ शकील अहमद खान नए नेता
बिहार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में कांग्रेस के विधायक दल की बैठक आयोजित की गई थी। शनिवार को आयोजित बैठक में पार्टी के 11 विधायक अनुपस्थित रहे और केवल 8 विधायक ही बैठक में शामिल हुए। इसके पीछे जो भी कारण रहे हों लेकिन अजीत शर्मा पहले विधायक दल के नेता थे,उन्हे हटाकर इस पद की जिम्मेदारी डॉ शकील अहमद खान को सौंप दी गई है। मतलब डॉ खान को नया नेता चुना गया है। हालांकि इसके पीछे का कारण कांग्रेस ने बताते हुए कहा कि पार्टी हाईकमान के आदेश पर सर्वसम्मति से डॉ शकील अहमद खान को विधायक दल का नया नेता चुना गया है।
बैठक में अजीत शर्मा भी नहीं पहुंचे
इस बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा अजीत शर्मा की रही। माना जा रहा है कि उन्हे पद से हटाने के कारण वे नाराज हो गए है। हो सकता है कि उनकी नाराजगी के चलते और भी कई विधायकों ने बैठक से दूरी बनाई है। इस मामले में कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा का कहना है कि पार्टी के जो भी निर्णय हुए है वे आलाकमान के आदेशानुसार हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर जातीय समीकरण को संतुलित करने की दृष्टिकोण से फैसला लिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष भूमिहार जाति से आते हैं और विधायक दल के नेता अजीत शर्मा भी भी उसी समाज से हैं। इसे देखते हुए यह फैसला किया गया है।